अल-अक्सा मस्जिद में इजरायली मंत्री के दौरे से अरब वर्ल्ड में उबाल; जानें क्या है विवाद ?
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अल-अक्सा मस्जिद में इजरायली मंत्री के दौरे से अरब वर्ल्ड में उबाल; जानें क्या है विवाद ?

Israeli minister visit to Jerusalem holy site Al Aqsa mosque triggers furious backlash in Muslim World: प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की पिछले हफ्ते ही बनी  अति-दक्षिणपंथी गठबंधन वाली सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्विर के अल-अक्सा मस्जिद परिसर के दौरे के बाद मुस्लिम दुनिया में इजरायल को लेकर आक्रोश फैल गया है. कई देशों ने इसपर अपनी तीखी प्रतिक्रियाएं दी है. 

 अल-अक्सा मस्जिद में इजरायली मंत्री के दौरे से अरब वर्ल्ड में उबाल; जानें क्या है विवाद ?

काहिरा/जेरूसलमः इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्विर के पूर्वी यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद परिसर के फ्लैशपॉइंट पवित्र स्थल का विवादास्पद दौरा करने के बाद मध्य पूर्व के मुस्लिम दुनिया में उबाल आ गया है.  फ़िलिस्तीनी राष्ट्रपति के प्रवक्ता नबील अबू रुदिनेह ने मंगलवार के दिन बेन-गवीर की अल-अक्सा की यात्रा की तीखी निंदा की की. पिछले पाँच वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई इज़राइली मंत्री द्वारा अल-अक्सा मस्जिद का दौरा कर फ़िलिस्तीन, अरब राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय समूदाय को एक चुनौती पेश की है.

भड़काऊ बयान देने के लिए जाने जाते हैं बेन  
गौरतलब है कि एक अति-राष्ट्रवादी के रूप में जाने जाने वाले बेन-गवीर ने पिछले सप्ताह इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री के रूप में शपथ ली थी. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की नई अति-दक्षिणपंथी गठबंधन वाली सरकार ने पिछले हफ्ते ही सत्ता संभाली है. बेन-ग्विर लंबे अरसे से पवित्र स्थल तक यहूदियों की ज्यादा से ज्यादा पहुंच की वकालत करते रहे हैं. हालांकि फलस्तीनियों द्वारा इसे उकसावे और इजराइल के इस परिसर को पूरी तरह अपने कब्जे में लेने की संभावित तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है. बेन-ग्विर इससे पहले भी फलस्तीनियों के खिलाफ अपनी भड़काऊ टिप्पणियों के लिए चर्चाओं में रहे हैं.

फिलिस्तीनी प्रधान मंत्री ने जताया विरोध 
फिलिस्तीनी प्रधान मंत्री मोहम्मद इश्तेय ने फिलिस्तीनी प्राधिकरण के साप्ताहिक कैबिनेट को बताया है कि इस्लाम में तीसरी सबसे पवित्र साइट अल-अक्सा मस्जिद परिसर में बेन-गवीर का पहुंचना फिलिस्तीनी लोगों की भावनाओं के लिए गंभीर चुनौती है. गाजा पट्टी के सत्तारूढ़ गुट हमास के एक प्रवक्ता हेज़ेम कासेम ने  इजरायली मंत्री की यात्रा की निंदा करते हुए कहा, "यहूदीवादी के से कब्जे की आक्रामकता से फिलिस्तीनी लोग अपने पवित्र स्थानों और अल-अक्सा मस्जिद की रक्षा करना जारी रखेंगे." 

अल-अक्सा मस्जिद को लेकर क्यों है मुस्लिम और यहूदियों में विवाद 
गौरतलब है कि अल अक्सा मस्जिद को यहूदियों द्वारा ‘टेंपल माउंट’ और मुसलमानों द्वारा ‘नोबल सेंचुरी’ के तौर पर जाना जाता है. दोनों समूदाय इस पवित्र स्थल पर अपना-अपना दावा पेश करते रहे हैं. यरुशलम के ‘ओल्ड सिटी’ में पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस स्थल को यहूदी धर्म में सबसे पवित्र और इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है. यह दशकों से चल रहे इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष का भावनात्मक केंद्र है. अधिकांश रब्बी, यहूदियों को उस स्थल पर प्रार्थना करने से मना करते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में वहां प्रार्थना का समर्थन करने वाले यहूदियों के आंदोलन में तेजी आई है. 1948 से इस पवित्र स्थल का संचालन जॉर्डन की एक संस्था जेरूसलम इस्लामिक वक्फ द्वारा किया जा रहा है. 1967 में इजरायल और जॉर्डन के बीच एक समझौते के तहत गैर-मुस्लिम उपासक जिसमें यहूदी भी शामिल है, यहां कंपाउंड का दौरा तो का सकते हैं, लेकिन अंदर जाकर वह प्रार्थना नहीं कर सकते हैं. 

जॉर्डन ने इजरायल के राजदूत को तलब किया  
वहीं, जॉर्डन ने अम्मान में इजरायल के राजदूत को तलब कर लिया है और कड़े शब्दों में विरोध संदेश देते हुए मांग की है कि इजरायल ऐसे सभी उल्लंघनों को तुरंत बंद करे. जॉर्डन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सिनान मजली ने कहा, ’’इजरायल के एक मंत्री द्वारा अल-अक्सा मस्जिद का दौरा करना और मस्जिद की पवित्रता का उल्लंघन करना एक निंदनीय और उत्तेजक कार्रवाई है और अंतरराष्ट्रीय कानून के साथ-साथ यरुशलम और इसके पवित्र स्थलों में ऐतिहासिक और कानूनी यथास्थिति का घोर उल्लंघन है.“ 

मिस्र के विदेश मंत्रालय ने जताया अफसोस 
मिस्र के विदेश मंत्रालय ने बेन-गवीर की अल-अक्सा परिसर की यात्रा पर अफसोस जताते हुए कहा, ’’यरूशलेम में कानूनी और ऐतिहासिक यथास्थिति का उल्लंघन करने वाले किसी भी एकतरफा उपायों को हम खारिज करते हैं.’’ 

लेबनानने इजरायल के दौरे का किया विरोध 
लेबनान में, विदेश मंत्रालय ने अल-अक्सा मस्जिद की पवित्रता का गंभीर उल्लंघन करने के लिए बेन-गवीर की यात्रा की निंदा की है, और कहा है कि इजरायली सरकार द्वारा फिलिस्तीनी लोगों और उनके अधिकारों और पवित्रता के प्रति अपनाई गई चरमपंथी नीतियों का हम विरोध करते हैं.

सऊदी ने की कड़ी निंदा 
नए इजरायली मंत्री की यरुशलम में पवित्र स्थल की यात्रा के खिलाफ खाड़ी देशों से भी कड़ी निंदा के स्वर सुनाई िए हैं. सऊदी विदेश मंत्रालय ने बेन-ग्विर द्वारा उकसाने वाली कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि इजरायल के अभ्यास अंतर्राष्ट्रीय शांति प्रयासों और अंतर्राष्ट्रीय सिद्धांतों और धार्मिक पवित्रता के संबंध में मानदंडों को कमजोर करते है.’’ 

संयुक्त अरब अमीरात ने उल्लंघन रोकने की अपील की 
यूएई के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ’’संयुक्त अरब अमीरात ने भी बेन-गविर की अल-अक्सा मस्जिद पर हमले की कड़ी निंदा करते हैं, और इजरायल से पवित्र स्थल पर गंभीर और उत्तेजक उल्लंघनों को रोकने का हम आग्रह करते हैं. यूएई ने 2020 में इजरायल के साथ एक सामान्यीकरण समझौते पर हस्ताक्षर भी किए हैं. 

ईरान ने दी कड़ी चेतावनी 
इस बीच, ईरानी विदेश मंत्रालय ने अल-अक्सा मस्जिद परिसर में बेन-गवीर की यात्रा को पवित्र स्थल का अपवित्रीकरण और अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है. मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा कि इस तरह के अपवित्र कृत्य दुनिया के मुसलमानों के मूल्यों और पवित्रता के अपमान के बराबर हैं, नई कट्टर इज़राइली सरकार के दुस्साहसी और उत्तेजक कार्यों के खिलाफ हम कड़ी चेतावनी देते हैं. 

तुर्की ने इजरायल को याद दिलाई जिम्मेदारी 
तुर्की ने वर्षों के तनाव के बाद 2022 में इज़राइल के साथ अपने पूर्ण राजनयिक संबंधों को बहाल किया था, उसने भी बेन-गवीर की यात्रा की निंदा की है. तुर्की विदेश मंत्रालय ने इजरायल से इस तरह के उकसावों को रोकने के लिए जिम्मेदारी से कार्य करने का आग्रह किया है.’’ 

इजरायल ने सफाई में दी ये दलील 
वहीं, मुस्लिम वर्ल्ड के आक्रोश का जवाब देते हुए, इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस मामले में सख्ती से यथास्थिति बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता जताई है. उसने कहा है कि अल-अक्सा कंपाउंड में मंत्रियों की यात्रा को यथास्थिति में बदलाव नहीं माना जाना चाहिए. 

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