Mumbai Attack: जांच एजेंसी एनआईए मुंबई में 26/11 के हमलों की जांच कर रही है. हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा को भारत को सौंपा जा सकता है. इसके लिए एनआई ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. अगले महीने तक तस्वीर साफ होने की उम्मीद है.
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Tahawwur Rana Extradition Update: नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) 2008 के मुंबई दहशतगर्दाना हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को अगले महीने अमेरिका से भारत को सुपुर्द किये जाने की संभावना के पेशेनजर कार्यवाही शुरू करने की तैयारी कर रहा है. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. अमेरिका की एक अदालत ने बीते दिनों राणा की अभियोजन पक्ष के साथ मीटिंग संबंधी एक स्टेटस कॉन्फ्रेंस यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि अगले 30 दिन में उसे भारत को सौंपे जाने पर फैसला आने की उम्मीद है.
राणा पर NIA की नजर
एनआईए 2008 में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किये गये 26/11 के हमलों के मामले में राणा के रोल की जांच कर रही है. उसे इन हमलों में भूमिका के मामले में भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध पर अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था. जराए ने कहा कि अगर प्रत्यर्पण अनुरोध पर भारत के हक में फैसला आता है तो एनआईए राजनयिक माध्यमों से उसे भारत लाने की कार्यवाही शुरू करेगी. उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में आखिरी फैसला 20 मई तक किया जा सकता है. पिछले महीने अपने वकील के जरिए से दायर अर्जी में राणा ने अनुरोध किया था कि अदालत अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष को इस मामले पर और जुर्म कबूल करने पर सजा कम करने संबंधी प्रावधान पर चर्चा करने की इजाजत दे.
जून 2021 में हुई थी सुनवाई
लॉस एंजिलिस, कैलिफोर्निया के जिला कोर्ट के जस्टिस जैकलीन चूलजियान ने जून, 2021 में इस मुद्दे पर पिछली सुनवाई की थी और जुलाई 2021 में कागजातों का आखिरी सेट अदालत में सौंपा गया था. कोर्ट ने राणा को भारत को सौंपे जाने के अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर फैसला अभी सुनाया नहीं है. राणा के वकील ने कहा था कि मामले में अदालत में पिछली बहस 21 जुलाई को हुई थी. उन्होंने कहा कि इतना गुजर बीत जाने और राणा के लगातार सलाखों के पीछे रहने के मद्देनजर अदालत और वकीलों के लिए इस मामले की मौजूदा हालत पर चर्चा करना सही है.
जल्द फैसला आने की उम्मीद
राणा के वकील ने सलाह दिया कि स्टेटस कॉन्फ्रेंस 25 अप्रैल को हो, लेकिन अदालत ने 17 अप्रैल को अपने एक ऑर्डर में इस अपील को खारिज कर दिया. अदालत के आदेश में कहा गया है, अर्जियों में जो यह अनुरोध किया गया है कि अदालत संबंधित पक्षों को इस मामले के ताजा हालात के बारे में जानकारी दी जाती रहे, वह मंजूर किया जाता है. संबंधित पक्षों को राय दी जाती है कि कोर्ट को 30 दिन में इस मामले पर फैसला जारी होने की उम्मीद है.
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