अल अरबिया न्यूज के मुताबिक मंत्रालय ने कहा है कि हज के लिए जिन लोगों को इजाजत दी गई है, उनमें 150 मुल्कों के जायरीन शामिल हैं. इस्लामी कैलंडर के जिल-हिज्जा की सात और आठ तारीख को हज का आयोजन किया जाएगा.
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रियादः कोरोना संक्रमण की वजह से गुजिश्ता साल सऊदी अरब में हज का आयोजन नहीं किया गया था. इस साल होने वाले हज में भी बेहद कम लोगों को शामिल होने के लिए सरकार ने विजा दिया है. अल अरबिया न्यूज के मुताबिक मंत्रालय ने कहा है कि हज के लिए जिन लोगों को इजाजत दी गई है, उनमें 150 मुल्कों के जायरीन शामिल हैं. हालांकि इनमें से केाई भी बाहर से नहीं आएंगे बल्कि ये लोग भले ही दुनिया के मुखतलिफ मुल्कों से हैं लेकिन अभी सऊदी अरब में ही रहते हैं. इस बार जो लोग हज पर जाना चाहते थे, उनके आॅनलाइन आवेदन मांगे गए थे.
कोविड टीका का दोनों खुराक लेना जरूरी
कोरोना वबा को देखते हुए जून में सऊदी अरब सरकार ने ऐलान किया था कि वो इस साल के हज के लिए केवल 60 हजार जायरीनों को ही इजाजत हज में शामिल होने की इजाजत मिलेगी और उनमें सिर्फ वहीं लोग होंगे जो सऊदी अरब में रह रहते हैं. हज के लिए ऑननलाइन कुल 558,270 लोगों ने आवेदन दिया था. आवेदकों में 59 फीसदी मर्द और 41 फीसदी औरतें थीं. हज और उमरा मंत्रालय ने हज पर जाने के लिए चुने गए सभी लोगों से कोविड वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने की अपील की है. ये लोग बिना पहले से अपॉइंटमेंट लिए वैक्सीन की दूसरी खुराक ले सकेंगे. हज और उमरा मंत्रालय ने ये साफ किया है कि अकीदतमंदों को इस्लामी कैलंडर के आखिरी महीने जिल-हिज्जा की सात और आठ तारीख को मक्का ले जाया जाएगा.
पहले सालाना इतने लाख लोग जाते थे हज पर
कोविड-19 संक्रमण की वजह से हज यात्रा पर पिछले दो सालों से प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस साल बेहद कम लोगों को हज पर जाने की अनुमति दी गई है. हालांकि कोविड महामारी के पहले हर साल लाखों की तादाद में देश और दुनिया से लोग हज करने मक्का जाते थे. साल 2016 में कुल 83 लाख लोग हज के लिए सऊदी अरब आए थे. इस संख्या में उमरा करने वाले लोग भी शामिल हैं. पिछले दशक में औसतन हर बरस 25 लाख मुसलमानों ने हज किया.हज साल में एक ही बार एक खास वक्त में किया जाता है और सऊदी अरब ने हज पर आने वाले लोगों की तादाद को काबू में रखने के लिए सभी देशों का एक कोटा तय कर रखा है.
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