मुशर्रफ को पाकिस्तान ने सुनाई फांसी की सजा, भारत के खिलाफ जंग में लिया हिस्सा
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मुशर्रफ को पाकिस्तान ने सुनाई फांसी की सजा, भारत के खिलाफ जंग में लिया हिस्सा

Who is Pervez Musharraf: परवेज मुशर्रफ दिल्ली में पैदा हुए थे. उन्होंने भारत के खिलाफ जंग में हिस्सा लिया था. उन्हें पाकिस्तान की अदालत ने फांसी की सज सुनाई थी.

मुशर्रफ को पाकिस्तान ने सुनाई फांसी की सजा, भारत के खिलाफ जंग में लिया हिस्सा

Who is Pervez Musharraf: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ का रविवार को दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 79 साल के थे. मुशर्रफ एक दुर्लभ बीमारी एमिलॉयडोसिस से पीड़ित थे, जिसमें पूरे शरीर के अंगों और ऊत्तकों में एमिलॉयड नामक एक असामान्य प्रोटीन बनता है. पूर्व सैन्य शासक का दुबई के अमेरिकन हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था.

मुशर्रफ 11 अगस्त साल 1943 में दिल्ली के दरियागंज में पैदा हुए. भारत पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान 1947 में मुशर्रफ का परिवार पाकिस्तान चला गया. यहां इनके वालिद पाकिस्तान विदेश मंत्रालय में काम करने लगे. मुशर्रफ ने इब्तिदाई तालीम कराची के सेंट पैट्रिक स्कूल में हुई. कॉलेज की तालीम लाहौर के फॉरमैन क्रिश्चियन कॉलेज में हुई. 

कुछ दिनों बाद मुशर्रफ के पिता का तबादला तुर्की हो गया. वह अपने पिता के साथ तुर्की में बस गए. यहां उन्होंने तुर्की भाषा बोलनी सीखी. अपनी जवानी के दिनों में मुशर्रफ खिलाड़ी भी रहे. साल 1957 में मुशर्रफ का परिवार तुर्की से पाकिस्तान आ गया. 

1999 से 2008 तक पाकिस्तान पर शासन करने वाले मुशर्रफ को बेनजीर भुट्टो हत्याकांड और लाल मस्जिद के मौलवी की हत्या के मामले में भगोड़ा घोषित किया गया था.

साल 2001 में वह पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की हुकूमत का तख्ता पटल कर सत्ता पर काबिज हुए थे. वह पाकिस्तान के 10 वें राष्ट्रपति बने थे. वह 2008 तक इस ओहदे पर रहे. 

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पाकिस्तान में 3 नवंबर साल 2007 को इमरजेंसी लगने और दिसंबर 2007 में स्विधान को निलंबित किए जाने के मामले में देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया था. उन्हें साल 
2014 में दोषी करार दिया गया. 

17 दिसंबर 2019 को एक खास अदालत ने परवेज मुशर्रफ को संगीन गंदारी केस में मौत की सजा सुनाई थी. वह साल 2016 में इलाज के लिए दुबाई चले गए थे इसके बाद कभी वापस नहीं आए. 

परवेज मुशर्रफ ने साल 1965 में भारत पाकिस्तान जंग में हिस्सा लिया था. उन्होंने इलीट स्पेशल सर्विसेज ग्रुप (SSGC) में 1966 से 1972 तक खिदमात अंजाम दी. भारत के साथ 1971 में होने वाली जंग के दौरान प्रवेज मुशर्रफ एसजी कमांडो बटालियन के कंपनी के कमांडर थे.

10 जून को, उनके परिवार ने ट्विटर पर एक बयान जारी किया और कहा कि पूर्व सेना प्रमुख उस हालत में हैं जहां उनकी रिकरी मुम्किन नहीं. उनके अंग खराब हो रहे हैं." वह वेंटिलेटर पर नहीं हैं. अपनी बीमारी (एमाइलॉयडोसिस) की पेचीदगी की वजह से वह पिछले 3 हफ्तों से अस्पताल में भर्ती हैं. एक ऐसी हालत से गुजर रहे हैं जहां ठीक होना नामुम्किन है अंगों ने काम करना बंद कर दिया है. उनकी जिंदगी की आसानी के लिए दुआ करें.

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