अफगानिस्तान से भारत आए सिखों ने सुनाई तालिबानी जुल्म की दास्तान; कांप उठेगी रूह
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1290092

अफगानिस्तान से भारत आए सिखों ने सुनाई तालिबानी जुल्म की दास्तान; कांप उठेगी रूह

Living In Fear : अफ़ग़ान सिख ने जब सुनाई अपनी मौत के मंज़र की ख़ौफनाक दास्तां...सुनकर कांप उठेगी आपकी रूह

अफगानिस्तान से भारत आए सिखों ने सुनाई तालिबानी जुल्म की दास्तान; कांप उठेगी रूह

Living In Fear : अफ़ग़ानिस्तान के लोग पिछले साल 15 अगस्त से पहले आज़ाद थे. आज़ादी हर चीज़ की थी. चाहे वो खाने-पीने की हो , घूमने की हो या फिर कारोबार की, लेकिन साल 2021, 15 अगस्त को उनकी आज़ादी छिन गयी. औरतों के हक़ पर कड़ी पाबंदी लगा दी गयी. अभिव्यक्ति की आज़ादी छीन ली गयी और जातीय अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न ज़ोरो पर चल रहा है. गुरुद्वारों और सिक्खों पर हमले  अब तक होते रहते हैं. 

अफग़ान सिख ने सुनाई आपबीती
अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल के कर्ता-ए-परवान नाम के गुरुद्वारे में 150 से ज़्यादा सिख रह रहे थे. इसी साल के 18 जून को आतंकवादियों ने गुरुद्वारे पर हमला कर दिया, जिससे सभी सहम गए थे. हमले की चपेट में सतपाल सिंह नाम के एक सिख की दुकान भी चपेट में आ गया थी. सिंह ने कहा, "मेरी दुकान को निशाना बनाया गया और एक विस्फोट भी हुआ. यह सब मेरी अपनी आंखों के सामने हुआ था. क़यामत का मंज़र देख डर की वजह से हम काम के लिए घरों से बाहर भी नहीं निकल रहे थे. खासकर अल्पसंख्यकों के लिए माहौल डरावना था".  अफगानिस्तान पर तालिबान के क़ब्जे़ ने ना सिर्फ वहां के सिखों को आर्थिक तंगी में धकेल दिया, बल्कि उन्हें लगातार डर सताए जा रहा था. वह ज़िंदगी और मौत के बीच झूल रहे थे. सतपाल ने बताया कि पिछले महीने उनके पिता की सर्जरी भी हुई थी. उन्होंने कहा, "हम लंबे समय से उनके इलाज का इंतज़ार कर रहे थे. वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे और हम उन्हें अस्पताल नहीं लेकर जा पा रहे थे", बीता एक साल उनके लिए काफी मुश्किल और चुनौतीपूर्ण रहा था. सतपाल सिंह उन्हीं 28 अफ़ग़ान सिखों में शामिल है. जिन्हें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रंबंधक कमेटी (SGPC), इंडिया वर्ल्ड फोरम (IWF) और केंद्र सरकार की मदद से काबुल से भारत लाया गया था. 

यह भी पढ़ें : क्या अब नहीं देख पाएंगे अपना पसंदीदा सीरियल 'मेरे हमसफर', विवादों में घिरा, जानें पूरा मामला

सतपाल सिंह ने परिवार के साथ ली राहत की सांस
राहत की बात है यह है कि अब सतपाल सिंह अब अपने पूरे परिवार के साथ भारत आ गए है, अब वह चैन की नींद सो सकते है. सतपाल सिंह और उनके परिवार को एक लंबे वक़्त के बाद सुकून मिला है. अब वह सबकुछ भुलाकर आगे बढ़ना चाहते है, अब वह अफ़ग़ानिस्तान की काली यादों को मिटाकर एक आम ज़िंदगी जीने के तलाश में हैं.

यह भी पढ़ें : पाकिस्तान में आने वाले हैं बुरे और डरावने दिन; वित्त मंत्री ने देशवासियों को चेताया

अभी भी फंसे हुए है सिख
खुशी की बात यह है कि कुछ सिखों को महफूज़ भारत बुला लिया गया है. लेकिन अभी भी कुछ सिखों का भारत आना बाकी है. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) ने बताया है कि तालिबान के क़ब्ज़े वालेअफ़ग़ानिस्तान से कम से कम 110 सिख भारत आने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहै हैं, जिनमें से अभी तक 60 लोगों को ई-वीज़ा नहीं मिला है. रिपोर्टस के मुताबिक, SGPC, इंडिया वर्ल्ड फोरम (IWF) और सरकार की मदद से लोगों को अफ़ग़ानिस्तान ने निकाला जा रहा है. जून महिने में काबुल में एक गुरुद्वारे पर हुए हमले में 2 लोगों की मौत हो गयी थी. जिसके बाद से अफ़ग़ानिस्तान में सिखों की सुरक्षा को लेकर फिक्र बढ़ गयी है.बीते कुछ दिनों पहले SGPC के कर्मचारियों ने यह भी बताया कि हाल ही में लगभग 65 से 70 लोगों को निकाला गया है. वीज़ों की मंज़ूरी के बाद उन्हें फौरन विमानों से भारत लाया जाएगा ।

Watch Zee Salaam Live TV

Trending news