दिल्ली का दम अभी और घुटेगा. प्रदूषण, धूल का गुबार और गर्म हवाएं दिल्ली-NCR की सेहत पर अभी और बुरा असर डाल सकती हैं. पर्यावरण मंत्रालय ने भी इस संबंध में बयान जारी किया है.
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नई दिल्ली: दिल्ली का दम अभी और घुटेगा. प्रदूषण, धूल का गुबार और गर्म हवाएं दिल्ली-NCR की सेहत पर अभी और बुरा असर डाल सकती हैं. पर्यावरण मंत्रालय ने भी इस संबंध में बयान जारी किया है. मंत्रालय के मुताबिक, अगले 72 घंटे तक अभी धुंध छाई रहेगी. हवा की गुणवत्ता में भी कोई सुधार होने का अनुमान नहीं है. प्रदूषण के गंभीर स्तर से नीचे जाने की प्रमुख वजह राजस्थान से आई धूल भरी आंधी है. अगले तीन दिन स्थिति में कोई सुधार होने के संकेत नहीं हैं. ऐसे में यह धूल का यह 'जहर' दिल्ली वालों का दम और घोटेगा.
क्यों खराब है आबोहवा?
ईरान-दक्षिण अफगानिस्तान की तरफ से धूल भरी हवाएं 20 हजार फीट की ऊंचाई से राजस्थान से होते हुए दिल्ली में पहुंच रही हैं. इससे हवा में धूल के कण भरे हैं, इससे प्रदूषण बढ़ रहा है, वातावरण में धुंध सी छाई हुई है. अगले तीन दिन तक दिल्ली में ऐसे ही हालात रहेंगे.
क्या है गंभीर समस्या की वजह?
दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ना अस्वाभाविक है. दिल्ली-एनसीआर में हवा के कम दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से हवा में मिले धूलकण जमीन से कुछ ऊंचाई पर जमा हो जाते हैं. मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, इन दिनों भीषण गर्मी से जूझ रहे राजस्थान में तापमान की अधिकता के बीच पश्चिमी विक्षोभ के कारण तेज हवाओं के कारण धूल भरी आंधी का असर दिल्ली-एनसीआर में धूलकणों के वायुमंडल में संघनित होने के रूप में दिखता है.
दिल्ली-NCR में धूल भरी आंधी क्यों चल रही है?
अगले 72 घंटे काफी अहम
मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में अगले 72 घंटे में बारिश होने का कोई अनुमान नहीं है. ऐसे में अगले दो दिन तक दिल्ली की आबोहवा में कोई सुधार नहीं होगा. शाम होते ही प्रदूषण का स्तर बढ़ने और हवा का दबाव कम होने से लोगों को दिक्कत और बढ़ेगी. धूल और प्रदूषण का एक साथ मिलना लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. मौसम विभाग के मुताबिक, अगले दो दिन तक धूल का गुबार बना रहेगा.
धूल के गुबार से दिल्ली का हुआ बुरा हाल, खतरनाक श्रेणी तक पहुंचा प्रदूषण
'अत्यंत गंभीर' है प्रदूषण
सीपीसीबी के आंकड़े के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर इलाके में पीएम-10 (10 मिमी से कम व्यास वाले कण) का स्तर 778 पर ‘अत्यंत गंभीर’ से ऊंचा है और दिल्ली में यह विशेषकर 824 पर है. इसके कारण धुंध की स्थिति है जिससे दृश्यता का स्तर सीमित है. केंद्र सरकार द्वारा संचालित सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च इंस्टीच्यूट के एक वैज्ञानिक गुफ्रा न बेग ने बताया कि धूल भरी आंधी ने दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता बिगाड़ दी है.
दिल्ली में ऑक्सीजन की मात्रा कम
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, दिल्ली में कई जगहों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के पार पहुंच गया है. दिल्ली के कुछ इलाकों में पीएम 10 का लेवल सबसे ज्यादा है. पीएम 10 को पर्टिकुलेट मैटर कहते हैं. इन कणों का साइज 10 माइक्रोमीटर से कम होता है. यह कण ठोस या तरल रूप में वातावरण में होते हैं. ये हवा में ऑक्सीजन की मात्रा कम कर देते हैं, जिससे घुटन का अहसास होता है.
दिल्ली कौन बचाएगा?
दिल्ली वालों को प्रदूषण के बढ़ते स्तर और धूल के गुबार से बचाने का रास्ता सिर्फ बारिश या पानी के छिड़काव से हो सकता है. हालांकि, एक साथ पूरी दिल्ली में छिड़काव करना आसान नहीं और हवा में कण की ऊंचाई काफी अधिक है, जिसकी वजह से धूल के गुबार को हटाना मुश्किल है. ऐसे में सिर्फ बारिश होने पर भी राहत मिलने के आसार है. धूल को उड़ने से रोकने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य इकाइयों को छिड़काव का सुझाव दिया है.