पीएनबी घोटाला: नीरव मोदी की परेशानी बढ़ी; आयकर विभाग ने कुर्क किए 29 संपत्तियां, 105 बैंक खाते
Advertisement
trendingNow1374242

पीएनबी घोटाला: नीरव मोदी की परेशानी बढ़ी; आयकर विभाग ने कुर्क किए 29 संपत्तियां, 105 बैंक खाते

कर अधिकारियों ने नीरव मोदी, उसकी पत्नी एमी और उसकी मुंबई, सूरत, जयपुर और दिल्ली की अचल संपत्तियों पर कुर्की का नोटिस भी चस्पा कर दिया.

आभूषण डिजाइनर नीरव मोदी पर 11400 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली/मुंबई: अरबपति आभूषण डिजाइनर नीरव मोदी का संकट और बढ़ता दिख रहा है. आयकर विभाग ने शुक्रवार (16 फरवरी) को कर चोरी जांच के सिलसिले में अस्थायी रूप से हीरा कारोबारी और उसके परिवार की 29 संपत्तियां और 105 बैंक खातों को कुर्क कर दिया. इसके अलावा विभाग ने विदेश में गैरकानूनी संपत्तियां रखने के लिए उसके खिलाफ नए कालाधन रोधक कानून के तहत मामला भी दर्ज किया है. समझा जाता है कि उसकी यह संपत्ति सिंगापुर में है. कालाधन (अघोषित विदेशी आय एवं संपत्ति) और करारोपण कानून 2015ए विदेश में गैरकानूनी संपत्तियों से संबंधित है. अभी तक इस तरह के मामलों की जांच आयकर कानून, 1961 के तहत होती थी.

  1. पीएनबी में करीब 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है. 
  2. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक द्वारा खुद इस घोटाले का खुलासा किया गया है. 
  3. यह घोटाला कथित रूप से हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने किया है.

नए कानून के तहत अघोषित विदेशी संपत्ति और आय पर 120 प्रतिशत का भारी भरकम जुर्माना लगाने का प्रावधान है. इसमें दस साल जेल की सजा भी हो सकती है. कर अधिकारियों ने मुंबई में एक विशेष अदालत के समक्ष मोदी के खिलाफ आयकर कानून की धारा 276 सी (1) (जानबूझकर कर चोरी), 277 ए (सत्यापन में गलत बयान), 278 बी (कंपनियों द्वारा अपराध) और 278-ई के तहत मामला दर्ज किया है. कर अधिकारियों ने नीरव मोदी, उसकी पत्नी एमी और उसकी मुंबई, सूरत, जयपुर और दिल्ली की अचल संपत्तियों पर कुर्की का नोटिस भी चस्पा कर दिया.

PNB में 11400 करोड़ रुपए का घोटाला: गीतांजलि, गिन्नी और नक्षत्र जैसी आभूषण कंपनियां जांच के घेरे में

चार बड़ी आभूषण कंपनियां रडार में
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘चार बड़ी आभूषण कंपनियां गीतांजलि, गिन्नी, नक्षत्र और नीरव मोदी जांच के घेरे में हैं. सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय उनकी विभिन्न बैंकों से सांठगाठ और धन के अंतिम इस्तेमाल की जांच कर रहे हैं.’ इन कंपनियों से तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है. अधिकारी ने कहा कि वित्त मंत्रालय से सख्त निर्देश है कि कोई बड़ी मछली बचने न पाए और ईमानदार करदाता को किसी तरह की परेशानी न हो. अधिकारी ने कहा कि बैंक अब अपनी प्रणाली और प्रक्रियाओं की जांच कर रहे हैं ताकि इस तरह का घोटाले की पुनरावृत्ति न हो.

PNB Fraud : नीरव मोदी के खिलाफ ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला किया दर्ज

पीएनबी घोटाले में इलाहाबाद बैंक का 2,000 करोड़ रुपये फंसा
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) द्वारा जारी साख पत्रों के आधार पर हुए 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले में इलाहाबाद बैंक का भी करीब 2,000 करोड़ रुपये फंसा है. एक सूत्र ने कहा कि इलाहाबाद बैंक ने भी पीएनबी के धोखाधड़ी से जारी गारंटी पत्रों के आधार पर 2,000 करोड़ रुपये का ऋण दिया है. इन साख पत्रों के आधार पर अन्य बैंकों की विदेशी शाखाओं ने नीरव मोदी की कंपनियों को कर्ज दिया. सूत्र ने कहा कि यह पैसा इलाहाबाद बैंक की हांगकांग शाखा से पीएनबी के नोस्ट्रो खाते में स्थानांतरित किया गया. सूत्र ने कहा कि बैंक ने इस पैसे की वसूली के लिए पहले ही दावा कर दिया है. 

पीएनबी ने दर्ज कराई CBI में 11400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत

पीएनबी धोखाधड़ी मामला: ईडी की जब्ती 5,649 करोड़ रुपये तक पहुंची
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंजाब नेशनल बैंक में 11,400 करोड़ रुपये के कथित फर्जीवाड़े के सिलसिले में अपनी धन शोधन जांच के तहत अरबपति हीरा व्यापारी नीरव मोदी और उसके कारोबार सहयोगी एवं आभूषण श्रृंखला प्रमोटर मेहुल चोकसी को शुक्रवार (16 फरवरी) को सम्मन जारी किया. इसके साथ ही ईडी ने अपनी ताजा छापेमारी में 549 करोड़ रुपये मूल्य के हीरे और रत्न जब्त किए.

‘घोटाला सामने आने के चार दिन में सीबीआई के पास पहुंच गया पीएनबी’
पंजाब नेशनल बैंक ने कहा है कि नीरव मोदी द्वारा 11,394.02 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी सामने आने के चार दिन बाद ही उसने भारतीय रिजर्व बैंक तथा सीबीआई को धोखाधड़ी की पहली सूचना दी. बैंक ने इस बारे में नियामकी खुलासा दस दिन बाद किया. उल्लेखनीय है कि शेयर बाजारों ने इस धोखाधड़ी मामले में बारे में बैंक से स्पष्टीकरण मांगा था. बैंक ने 15 फरवरी को सारे घटनाक्रम का ब्यौरा दिया और बताया कि मोदी व उससे सम्बद्ध कंपनियों ने 1.77 अरब डॉलर मूल्य की फर्जी बैंक गारंटियों का इस्तेमाल भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं से कर्ज लेने के लिए किया. बैंकों का कहना है कि 25 जनवरी 2018 को यह घोटाला उसकी नजर में आया. उसने 29 जनवरी को भारतीय रिजर्व बैंक को इसकी जानकारी दी. इसी दिन सीबीआई के यहां प्राथमिकी एफआईआर दर्ज कर दी गई. शेयर बाजारों को इस बारे में सूचना पांच फरवरी को दी गई.

(इनपुट एजेंसी से भी)

Trending news