महाराष्ट्र: किसानों के प्रतिनिधिमंडल से मिले CM फडणवीस, सभी मांगों को पूरा करने का दिलाया भरोसा
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महाराष्ट्र: किसानों के प्रतिनिधिमंडल से मिले CM फडणवीस, सभी मांगों को पूरा करने का दिलाया भरोसा

विभिन्न मांगों को लेकर नासिक से छह मार्च को ‘लांग मार्च’ पर निकले थे किसान, बोर्ड परीक्षा की खातिर टाला प्रदर्शन, सरकार ने गठित की छह सदस्‍यीय समिति.

प्रतिनिधिमंडल महाराष्‍ट्र विधानसभा में सरकार की ओर से गठित समिति से मुलाकात करने पहुंचा है  (फोटो-ANI)

मुंबई: मुंबई में जुटे 35,000 से अधिक किसानों के प्रतिनिधिमंडल से मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार (12 मार्च) को विधानसभा में मुलाकात की और उनकी सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया. मुख्यमंत्री ने वनभूमि मामले में 6 महीने में हल निकालने के निर्देश दिए है. महाराष्ट्र सरकार ने 6 मंत्रियों की समिति बनाई है जो कि किसानों की समस्या पर विचार करेगी. किसानों का प्रतिनिधिमंडल राज्‍य सरकार की ओर से गठित समिति से मुलाकात करने विधानसभा पहुंचा था.

  1. मार्च निकाल रहे इन किसानों में राज्‍य की बीजेपी सरकार को लेकर असंतोष है
  2. नासिक से मुंबई तक की 180 किमी लंबी पदयात्रा में शुरू में 12,000 किसान शामिल थे
  3. समिति में चंद्रकांत पाटील, गिरीश महाजन, एकनाथ शिंदे, पांडुरंग फुंडकर, विष्णू सावरा, सुभाष देशमुख शामिल

मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खुद इस समिति की अध्‍यक्षता कर रहे हैं. नासिक से विभिन्‍न मांगों को लेकर रविवार को मुंबई पहुंचे 35000 किसानों ने सोमवार को होने वाला अपना प्रदर्शन टाल दिया था. उनका कहना है कि वे नहीं चाहते कि उनके कारण किसी को कोई नुकसान या परेशानी हो. सोमवार को वर्किंग डे और छात्रों की बोर्ड परीक्षा होने के चलते इन किसानों ने सोमवार तड़के ही आजाद मैदान पहुंचकर वहां डेरा डाल दिया. विपक्षी दलों के साथ बीजेपी नीत गठबंधन के घटक शिवसेना ने भी इस आंदोलन का खुलकर समर्थन किया है. उधर, मुंबई पुलिस का कहना है कि शहर के यातायात में कोई बदलाव नहीं किया गया है. किसान शांति से आंदोलन कर रहे हैं.

समस्‍या का हल निकालने को कमेटी गठित
किसानों के मुद्दे पर चर्चा करने और उसका हल निकालने के लिए मुख्यमंत्री फडणवीस की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है. इस समिति में 6 मंत्री शामिल हैं. इनमें चंद्रकांत पाटील, गिरीश महाजन, एकनाथ शिंदे, पांडुरंग फुंडकर, विष्णू सावरा, सुभाष देशमुख हैं. इस समिति के साथ किसानों के मुद्दे का हल निकालने के लिए बैठक शुरू हो चुकी है.

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नहीं करेंगे विधानसभा का घेराव
किसानों ने साफ किया है कि पहले से प्रस्‍तावित विधानसभा का घेराव अब नहीं किया जाएगा. किसानों का कहना है कि वे नहीं चाहते कि उनके कारण 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं को परेशानी हो. वे यह भी चाहते कि उनके प्रदर्शन के कारण कोई भी मुंबई निवासी परेशान हो, इसके लिए उन्‍होंने प्रदर्शन टाल दिया है.

50 हजार किसान होने का दावा
वहीं दूसरी ओर माकपा नेता अशोक धावले का कहना है कि 50,000 किसान इस प्रदर्शन में शामिल हुए हैं. वे अपनी रैली सुबह 11 बजे शुरू करेंगे ताकि 10 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा दे रहे छात्रों को कोई परेशानी का सामना न करना पड़े.

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राज्‍य सरकार के प्रति असंतोष
कर्ज माफी समेत कई मांगों को लेकर मार्च निकाल रहे इन किसानों में राज्‍य की बीजेपी सरकार को लेकर असंतोष है. उनका मानना है कि सरकार किसानों के विकास के लिए प्रभावी नीतियां बनाने में असफल रही है. अखिल भारतीय किसान सभा ने किसानों की पूर्ण कर्ज माफी सहित अन्‍य मांगों को लेकर नासिक से मुंबई तक की यात्रा का ऐलान किया था. उनका कहना है कि सरकार को हाईवे और बुलेट ट्रेन जैसे विकास कार्यों के नाम पर किसानों की जमीन हड़पना बंद करना चाहिए. उन्होंने बीजेपी पर किसान विरोधी राजनीति करने का भी आरोप लगाया है.

 

हल निकलने की संभावना
किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने भी अपनी तरफ से कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन को किसानों से बातचीत करने भेजा जिन्होंने भी किसानों को अश्वासन दिया कि सरकार उनकी मांगों को लेकर सकारात्मक है. महाजन ने कहा, कि सोमवार को माननीय मुख्यमंत्री के साथ इनकी चर्चा होने वाली है. इनके जो सभी कार्यकारणी सदस्य और प्रमुख हैं, वे मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे और मुझे लगता है इसमें से सकारात्‍मक हल निकालने वाला है.

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फड़णवीस बोले, बातचीत को तैयार
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने रविवार रात कहा कि उनकी सरकार किसानों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है जिन्होंने अपनी विभिन्न मांगों पर दवाब बनाने के लिए मुम्बई के लिए ‘लांग मार्च’ निकाला है. फड़णवीस ने कहा कि हम उनसे बात करेंगे और उनके मुद्दों को सुलझाएंगे. सरकार उनकी मांगों को लेकर सकारात्‍मक रवैया अपनाएगी. अधिकांश आंदोलनकारी आदिवासी हैं और उनकी मुख्य मांग वन भूमि पर अधिकार है. उन्होंने कहा कि उनकी मांगों पर चर्चा के लिए हमने मंत्रियों की एक समिति बनाई है. हमने किसान नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया है.

अगर सरकार ने न मानी मांगें
किसानों का कहना है कि सोमवार को मुलाकात के बाद भी अगर सरकार ने उनकी मांगें न मानी तो सभी किसान आजाद मैदान में ही डटे रहेंगे. वे वहां तब तक जुटे रहेंगे जब तक कि उनकी मांगों को लेकर कोई हल नहीं निकलता है. किसानों की मांग है कि उनकी पूर्ण कर्ज माफी हो, उपज का उचित मूल्‍य मिले और स्‍वामीनाथन आयोग की सिफारिशें मानी जाएं. 

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