Lakshmi Ganesh idol: दिवाली के दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा करने के लिए लोग इनकी मूर्तियों की खरीदारी करते हैं. आइए जानते हैं कि किस तरह की मूर्तियों को खरीदना शुभ रहता है.
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Laxmi Ganesh Idol Shopping: दीपावली का मुख्य पर्व कार्तिक अमावस्या के दिन अर्थात 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस पर्व के साथ यूं तो कई कथाएं जुड़ी हैं, किंतु इस त्योहार के दिन मुख्य रूप से लक्ष्मी-गणेश का पूजन होता है. गणेश जी तो विघ्नहर्ता और प्रथम पूज्य हैं, जिनका पूजन करने से सभी कार्य निर्विघ्न संपन्न होते हैं. उन्हें बुद्धि और विवेक का स्वामी कहा जाता है. वहीं, माता लक्ष्मी घर को धन-धान्य से भर देती हैं. मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से व्यक्ति को कभी भी धन का अभाव नहीं होता है. इन दिनों दीपावली की खरीदारी को लेकर बाजार सज गए हैं और वहां पर कई तरह की धातुओं, मिट्टी से बनी मूर्तियां मिल रही हैं. इन मूर्तियों में स्फटिक की मूर्ति का अलग स्थान है. इस दिवाली स्फटिक की मूर्तियों का पूजन करिए. इन मूर्तियों का पूजन करने से व्यक्ति को धन और सुख संपत्ति की प्राप्ति होने के साथ ही सभी मनोकांक्षाएं पूर्ण होती हैं.
ये होता है स्फटिक
स्फटिक को 'सफेद बिल्लौर' भी कहा जाता है. इसे अंग्रेज़ी में 'रॉक क्रिस्टल', संस्कृत में 'सितोपल', शिवप्रिय और कांचमणि नामों से जाना जाता है. स्फटिक एक रंगहीन, पारदर्शी, निर्मल और शीत प्रभाव वाला उपरत्न है. सामान्यत: यह कांच जैसा प्रतीत होता है, परंतु यह कांच की अपेक्षा अधिक दीर्घजीवी होता है.
हर तरह का सुख
स्फटिक से बने लक्ष्मी -गणेश का महत्व बहुत अधिक माना जाता है. यह भगवान शिव का सर्वप्रिय रत्न होने के कारण गणेश जी को भी अति प्रिय है. स्फटिक से बनी मूर्ति को कार्यालय और घर में स्थापित कर, इनकी पूजा करने से शारीरिक, मानसिक और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है और साथ ही शुक्र दोष भी दूर होता है. यह विभिन्न क्षेत्रों में सफलता दिलाने वाला और विघ्नों को नष्ट करने वाला माना जाता है. इनके प्रभाव से नौकरी और व्यापार दोनों में दिन दूनी और रात चौगुनी उन्नति होती है. स्फटिक के गणेश सभी के लिए शुभ होते हैं. इसके प्रभाव से घर की नकारात्मकता बाहर जाकर सकारात्मकता ऊर्जा घर में आती है.