पूजा के लोटे को लेकर जरूर जान लें ये बात, वरना कभी नहीं मिलेगा पूजा का फल
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पूजा के लोटे को लेकर जरूर जान लें ये बात, वरना कभी नहीं मिलेगा पूजा का फल

Puja Path Niyam: देवी-देवताओं को प्रसन्‍न करने के लिए लोग उनकी पूजा करते हैं, कई जतन करते हैं. इसके लिए जरूरी है कि पूजा-पाठ में कोई ऐसी गलती ना करें जो देवी-देवताओं को नाराज कर दे.

पूजा के लोटे को लेकर जरूर जान लें ये बात, वरना कभी नहीं मिलेगा पूजा का फल

Puja ka Lota: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी माना जाता है. ताकि पूजा का पूरा फल मिले. पूजा-पाठ में कई तरह की सामग्री का उपयोग होता है और इन सभी चीजों का सात्विक और शुद्ध होना बेहद जरूरी होता है. यदि ऐसा ना हो तो पूजा का फल नहीं मिलता है, बल्कि देवी-देवताओं की नाराजगी भी झेलनी पड़ती है. इसलिए पूजा-पाठ में कुछ बातों का जरूर ध्‍यान रखें. इसमें पूजा में उपयोग होने वाले बर्तनों का भी अहम रोल है.  

पूजा में उपयोग ना करें स्‍टील के बर्तन 

जिस तरह पूजा में उपयोग होने वाली सामग्री, भगवान को लगाए जाने वाले भोग का सात्विक और पवित्र होना जरूरी है, उसी तरह पूजा के बर्तनों का भी शुद्ध और पवित्र होना भी जरूरी है. इ‍सलिए सनातन धर्म में पूजा-पाठ के लिए सोना, चांदी, तांबा और पीतल जैसी शुद्ध धातुओं के बर्तनों का उपयोग करना चाहिए. पूजा में कभी भी कांच, प्‍लास्टिक या स्‍टील के बर्तनों का उपयोग गलती से भी नहीं करना चाहिए. ये चीजें अशुद्ध होती हैं.  

- स्‍टील या लोहे का संबंध शनि से है और इसलिए इससे बने बर्तनों का पूजा में उपयोग करना अशुभ होता है. पूजा-पाठ में लोहे से बनी चीजों का उपयोग वर्जित किया गया है. 

- इसके अलावा एल्युमिनियम, कांच और प्‍लास्टिक की चीजों का भी उपयोग नहीं करना चाहिए. इन चीजों पर राहु का प्रभाव होता है. इस कारण इनका भी पूजा-पाठ में उपयोग करना अशुभ माना गया है. 

- कभी भी सूर्य को अर्घ्‍य देने में भी स्‍टील के लोटे का उपयोग ना करें. इससे सूर्य देव को अर्ध्‍य देने का फल नहीं मिलेगा. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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