Auspicious Yoga in Kundli: भगवान राम-श्रीकृष्ण की कुंडली में थे ये 5 योग, करोड़ों में किसी भाग्यशाली को होते हैं नसीब
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Auspicious Yoga in Kundli: भगवान राम-श्रीकृष्ण की कुंडली में थे ये 5 योग, करोड़ों में किसी भाग्यशाली को होते हैं नसीब

Astro News: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, अगर किसी जातक की कुंडली में इनमें से कोई एक योग भी है, तो उसको जिंदगी में कभी संघर्ष नहीं करना पड़ता. ये पंचमहापुरुष योग शनि, शुक्र, बुध, गुरु और मंगल से मिलकर बनते हैं. 

Auspicious Yoga in Kundli: भगवान राम-श्रीकृष्ण की कुंडली में थे ये 5 योग, करोड़ों में किसी भाग्यशाली को होते हैं नसीब

Lucky Yoga in Kundli: ज्योतिष शास्त्र बेहद पुराना विज्ञान है. इसकी मदद से भविष्य का आकलन किया जा सकता है. कोई ग्रह कमजोर हो या नीच का हो तो उसको मजबूत किया जा सकता है. कोई दोष हो तो उसका उपाय कर सुधारा जा सकता है. लेकिन करोड़ों में कोई एक भाग्यशाली होता है, जिसकी कुंडली में पांच ऐसे योग होते हैं, जो बेहद शुभ माने गए हैं. 

भगवान श्रीकृष्ण और राम की कुंडली में भी यही योग थे. इन योगों को पंच महापुरुष योग कहा गया है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, अगर किसी जातक की कुंडली में इनमें से कोई एक योग भी है, तो उसको जिंदगी में कभी संघर्ष नहीं करना पड़ता. ये पंचमहापुरुष योग शनि, शुक्र, बुध, गुरु और मंगल से मिलकर बनते हैं. अगर इन पांचों ग्रहों में से कोई भी केंद्र या मूल त्रिकोण में है तो व्यक्ति का भाग्य चमक जाता है. 

कहा जाता है कि पंच महापुरुष योग तब पूर्ण होता है, जब ये ग्रह केंद्र में होते हैं. आइए अब इनके बारे में जानते हैं.

योगों का नाम क्या है

  • शनि का शश योग

  • बुध का भद्र योग

  • मंगल का रूचक योग

  • शुक्र का मालव्य योग

  • गुरु का हंस योग

अब विस्तार से समझिए

शश योग

जिनकी कुंडली में शश योग होता है, ऐसे जातक कूटनीति में माहिर होते हैं. इनकी आयु लंबी होती है और ये न्यायप्रिय होते हैं. क्षेत्र कोई हो ये हार नहीं मानते हैं. इनमें गजब की सहनशक्ति होती है और शत्रु इनसे बच नहीं पाते हैं. ये योग तब बनता है जब शनि कुंडली में लग्न या चंद्र से 1,4,7 या 10वें घर में तुला या कुंभ राशि में स्थित हो. 

भद्र योग

जिनकी कुंडली में ये योग होता है तो ऐसे लोग बिजनेस, मैथ्स, लेखन और सलाहकार के क्षेत्र में काफी नाम कमाते हैं. ऐसे लोग बहुत शानदार विश्लेषण करते हैं. इनमें चतुराई, बुद्धि और वाणी जैसे गुण होते हैं. अगर बुध केंद्र में चंद्रमा से 1,4,7 या फिर कन्या और मिथुन राशि में 10वें घर में स्थित है तो यह योग बनता है. 

रूचक योग

ये लोग तेजी से फैसले लेते हैं और इनको बिजनेस और एडमिनिस्ट्रेशन में काफी सफलता मिलती है. ये साहसी और पराक्रमी होते हैं. ये शारीरिक और मानसिक रूप से भी मजबूत होते हैं. अगर मंगल कुंडली में लग्न या चंद्रमा से 1,4,7 या 10वें घर में मकर, वृश्चिक या मेष राशि में हो तो रूचक योग बनता है.

मालव्य योग

ऐसे लोगों को कला और सौंदर्य से प्यार होता है. ये कला, संगीत, गीत के क्षेत्र में नाम कमाते हैं. इनमें शारीरिक बल, पराक्रम और साहस भरा होता है. अगर शुक्र कुंडली में लग्न या चंद्रमा से 1,4,7 या 10वें घर में मीन, तुला या वृष राशि में स्थित हो तो मालव्य योग बनता है. 

हंस योग

जिनकी कुंडली में ये योग होता है ऐसे लोगों के सामने दुनिया सिर झुकाती है. ऐसे लोगों को समृद्धि, सुख और आध्यात्म हासिल होता है. अगर धनु राशि में लग्न में या मीन राशि में कहीं भी गुरु बैठे हैं तो इस योग का निर्माण होता है. अगर गुरु लग्न या फिर चंद्रमा से 1,4,7 या 10वें घर में मीन, धनु या कर्क राशि में हैं तब हंस योग बनेगा. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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