सरगी: करवा चौथ व्रत की शुरुआत सुबह सूर्योदय से पहले सरगी खाकर की जाती है, जो कि सास अपनी बहू को देती है. सरगी में मिठाइयां, फल, कपड़े, श्रृंगार का सामान दिया जाता है. ये फल, मिठाइयां, दूध, दही, पनीर आदि खाकर व्रत शुरू किया जाता है और फिर पूरे दिन निर्जला रहना होता है. इस दौरान व्रती महिलाएं अपनी सास और बड़े बुजुर्गों का आर्शीवाद जरूर लें.
सोलह श्रृंगार: करवा चौथ व्रत पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है. इस दिन सोलह श्रृंगार जरूर करें. हाथों में मेहंदी सजाएं, पूरा श्रृंगार करें. ऐसा करने से चौथ माता अखंड सौभाग्य का वरदान देती हैं.
लाल रंग पहनें: करवा चौथ व्रत के दिन लाल रंग के कपड़े पहनना बहुत शुभ माना जाता है. पहली बार की व्रती महिलाएं शादी का जोड़ा पहनें तो और भी अच्छा है, वरना कोई अन्य लाल रंग की ड्रेस पहन सकती हैं. ध्यान रहे इस दिन काला, भूरा या सफेद रंग न पहनें.
बाया: करवा चौथ के दिन व्रती महिला के मायके से बाया भेजा जाता है. इसमें कपड़े, मिठाइयां, फल आदि होते हैं. बेहतर होगा कि बाया शाम को करवा चौथ की पूजा से पहले ही पहुंच जाए.
पारण: करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाएं शाम को पूजा करती हैं और फिर चंद्रमा को अर्ध्य देकर व्रत खोलती हैं. इस दौरान पति के हाथ से पानी पीकर यह व्रत खोला जाता है. व्रत खोलने के बाद पूजा का प्रसाद खाएं और फिर सात्विक भोजन ही करें. इस दिन लहसुन-प्याज या नॉनवेज खाने की गलती न करें. ऐसा करने से व्रत का फल नहीं मिलता और जीवन में मुसीबत आने की आशंका रहती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
ट्रेन्डिंग फोटोज़