श्राद्ध के 15 दिनों के दौरान बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना होता है. इसलिए आज ही नाखून, बाल कटवाने और दाढ़ी बनवाने जैसे काम कर लें. खासतौर पर जो लोग तर्पण कर रहे हैं, वे इन कामों से बचें.
पितृ पक्ष के दौरान घर पर सात्विक भोजन ही बनाएं और वही भोजन करें. तामसिक भोजन न करें. ना ही नशा आदि करें. वरना पितृ नाराज हो जाते हैं और जीवन में कई मुसीबतें आती हैं.
यदि पितरों की मृत्यु की तिथि पता है तो तिथि अनुसार ही पिंडदान करें. वरना सर्व पितृ अमावस्या या धर्म-शास्त्रों में बताई गई तिथियों के अनुसार पिंडदान करें.
पितृ पक्ष के दौरान बेजुबान जानवरों और गरीबों को भोजन कराएं. अपने दरवाजे पर आए जरूरतमंद को खाली हाथ न भेजें. ब्राह्मणों, गरीबों को सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा दें. हर दिन पंचबली निकालें. यानी कि गाय, कुत्ते, कौवे, देवताओं और चींटी के लिए भोजन निकालें.
कभी भी शाम के समय श्राद्ध न करें. शाम के समय श्राद्ध कर्म करना अशुभ माना जाता है. हमेशा सुबह या दोपहर के पहले चरण तक ये काम संपन्न कर लें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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