Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष में खुले रहते हैं स्वर्ग के द्वार, मरने वाले को मिलता है मोक्ष? जानें क्या कहते हैं शास्त्र
Advertisement
trendingNow11358594

Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष में खुले रहते हैं स्वर्ग के द्वार, मरने वाले को मिलता है मोक्ष? जानें क्या कहते हैं शास्त्र

Death in Pitru Paksha 2022:  अक्सर देखा जाता है कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के समय लोग देखते हैं कि दिन कैसा था. जानें वाले को स्वर्ग के द्वार खुले मिलेंगे या नहीं. पितृ पक्ष में किसी की मृत्यु शुभ होती है या अशुभ जानें. 

 

फाइल फोटो

Death In Pitru Paksha Good Or Bad: अक्सर बुजुर्गों को कहते सुना है कि पितृ पक्ष में स्वर्ग के द्वार खुले होते हैं. ऐसे में जो लोग पितृ पक्ष में प्राण त्यागते हैं उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. आइए जानतें हैं इस मान्यता को लेकर क्या कहते हैं शास्त्र. 

गरुड़ पुराण में मृत्यु को लेकर कई बातें बताई गई हैं. मृत्यु का अर्थ है जीवन से आजादी. पुराणों में बताया गया है कि जन्म-मृत्यु का ये सिलसिला चलता रहता है. लेकिन व्यक्ति के कर्म ही उसे इस बंधन से मुक्ति दिलाते हैं. कहते हैं कि अच्छे कर्म करने वाले को मोक्ष तो बुरे कर्म करने वाले को नरक भोगना पड़ता है. अक्सर लोगों को कहते सुना है कि पितृ पक्ष में प्राण त्यागने वाले व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है. ऐसे में जानें क्या कहते हैं शास्त्र. 

पितृ पक्ष में मृत्यु को लेकर क्या कहते हैं शास्त्र

धार्मिक मान्यता है कि जिन लोगों की मृत्यु पितृ पक्ष के दौरान होती है और उनका पिंडदान गया जी में होता है, उन्हें मनुष्य के रूप में पुर्नजन्म की प्राप्ति होती है.किसी मृत्यु से सिर्फ शरीर की मृत्यु होती है आत्मा जो अमर है. 84 लाख योनियों में आत्मा का भ्रमण होता है. कहते हैं कि आत्मज्ञान होने के बाद ही ये ऋंखला रुकती है जिसे मोक्ष के नाम से जाना जाता है. 

शास्त्रों में कहा गया है कि जो व्यक्ति पितृ पक्ष में अपने प्राणों का त्याग करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसा कहा जाता है कि पितृ पक्ष में भले ही कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते, लेकिन इन दिनों को अशुभ नहीं माना जाता. कहते हैं कि इस समय स्वर्ग के दरवाजे खुले होते हैं. पितृ पक्ष में पुनीत आत्माओं का धरती पर आगमन होता है इसलिए इस दौरान जो भी व्यक्ति प्राणों का त्याग करता है, उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है. 

इसलिए जरूरी है पितरों का श्राद्ध

शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष के 16 दिन पितर धरती पर अपनों के बीच रहते हैं. ऐसे में मान्यता है कि जो लोग अपने पितरों का श्राद्ध नहीं करते उन्हें जीवन में कई तरह के सकंटों का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं, मरने के बाद भी दुख भोगने पड़ते हैं. इसलिए पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध अवश्य करना चाहिए. 

अपनी फ्री कुंडली पाने के लिए यहां क्लिक करें
 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

Trending news