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Raksha Bandhan 2022 Bhadra Kaal Time: हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन इस साल इस त्योहार पर भद्रा काल का साया रहेगा. भद्रा काल को शुभ नहीं माना जाता है. भद्रा काल में ना तो राखी बांधी जाती है और ना ही पूजा-पाठ, नए काम, गृह प्रवेश, मुंडन आदि शुभ काम किए जाते हैं. भद्रा काल में किए गए शुभ काम भी अशुभ फल देते हैं इसलिए भद्रा काल से बचना ही बेहतर होता है.
भद्रा सूर्य देव और उनकी पत्नी छाया की पुत्री हैं. साथ ही शनि देव की सगी बहन हैं. जिस तरह शनि देव का स्वभाव सख्त और जल्द नाराज होने वाला है, वैसे ही उनकी बहन भद्रा भी बहुत सख्त स्वभाव की हैं. पौराणिक कथाओं के मुताबिक भद्रा बेहद कुरूप हैं और बचपन से ही वे ऋषि-मुनियों के यज्ञ-अनुष्ठानों में बाधाएं डालने का काम करने लगी थीं. तब सूर्य देव ने चिंतित होकर ब्रह्मा जी से सलाह मांगी. तब ब्रह्मा जी ने भद्रा की उद्दंडता को काबू करने के लिए पंचांग के एक प्रमुख अंग विष्टी कारण में जगह दे दी. साथ ही कहा कि अब जो भी तुम्हारे समय में कोई शुभ काम करे तो तुम उस काम में विध्न डालना. तब से ही भद्रा काल में कोई शुभ काम नहीं किया जाता है.
गृह प्रवेश, नए काम की शुरुआत करना, पूजा-अनुष्ठान, मुंडन-जनेऊ संस्कार आदि के अलावा भद्रा काल में राखी बांधने पर भी रोक है. दरअसल रावण की बहन ने उसे भद्रा काल में राखी बांधी थी और फिर उसके एक साल के अंदर ही भगवान राम ने रावण का वध कर दिया था. इसलिए भद्रा काल में राखी भी नहीं बांधी जाती है. इस साल 11 अगस्त 2022 को रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल रहेगा. इसलिए कई लोग 12 अगस्त की सुबह रक्षाबंधन मनाएंगे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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