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Door Bell Vastu Tips: हर घर में डोर बेल जरूर लगी होती है. वास्तु शास्त्र में डोर बेल को लेकर कुछ टिप्स दिए गए है. जिन्हें जानना बहुत जरूरी है. डोरबेल से जुड़े वास्तु टिप्स को अपना कर कई परेशानियों से मुक्ति पाई जा सकती है. डोर बेल लगाते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखा जाता है कि डोर बेल की आवाज मधुर हो, बाजार में कई तरह की आवाज की डो रबेल मिलती है. अगर आप घर में डोर बेल लगा रहे हैं तो वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ बातों का आपको विशेष ध्यान रखना चाहिए.
घर में डोर बेल लगाने के नियम
- वास्तु शास्त्र के अनुसार डोल बेल लगाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि डोर बेल की आवाज मधुर हो. कई बार घर में लगी कुछ डोर बेल की आवाज ऐसी होती है जो सुनने में बहुत कर्कश होती है. ऐसी आवाज घर के सदस्य के मन और मस्तिष्क पर बुरा असर डालती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसी डोर बेल की आवाज से घर में निगेटिव एनर्जी आती है.
- वास्तु जानकारों के अनुसार घर की नेम प्लेट डोर बेल से हमेशा ऊपर होनी चाहिए. कहते हैं कि इससे घर के मुखिया की मान-प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होती है. इसके साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और परिवार के सदस्यों के बीच प्यार बढ़ता है साथ ही घर में खुशहाली आती है. इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि घर की डोर बेल जमीन से कम से कम पांच फीट की ऊंचाई पर हो.
- वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में अगर आप मंत्रोच्चार वाली डोर बेल लगा रहे हैं तो इसे दक्षिण पूर्वी दीवार की पूर्व दिशा में लगाना शुभ रहता है. कहते हैं इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है.
- वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर आप पशु-पक्षियों की चहचहाने की आवाज वाली डोर बेल लगा रहे हैं तो इसे उत्तर-पश्चिम की दीवार पर लगाना अच्छा होता है. कहते हैं कि इससे घर में सुख-शांति का माहौल रहता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)