Things Not To Do in Rahu Kaal: कभी न कभी आपने राहुकाल के बारे में जरूर सुना होगा. इसको अशुभ मुहूर्त माना जाता है. इसमें कोई भी शुभ काम करने पर पाबंदी होती है. राहुकाल दो शब्दों से मिलकर बना है. ज्योतिष में राहु को छाया ग्रह कहते हैं. जबकि काल का मतलब है समय. यानी इसका अर्थ हुआ राहु का वक्त.
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Rahu Kaal Ke Upay: राहु को वैदिक ज्योतिष में पापी ग्रह माना जाता है. यह दुष्ट कर्म, जुआ, यात्राएं, त्वचा के रोग, कठोर वाणी का कारक होता है. अगर कुंडली में राहु अशुभ जगह पर बैठा हो या पीड़ित हो तो जातक को बुरे नतीजे हासिल होते हैं. ज्योतिष शास्त्र में राहु किसी भी ग्रह का स्वामी नहीं है.
कभी न कभी आपने राहुकाल के बारे में जरूर सुना होगा. इसको अशुभ मुहूर्त माना जाता है. इसमें कोई भी शुभ काम करने पर पाबंदी होती है. राहुकाल दो शब्दों से मिलकर बना है. ज्योतिष में राहु को छाया ग्रह कहते हैं. जबकि काल का मतलब है समय. यानी इसका अर्थ हुआ राहु का वक्त.
माना जाता है कि राहुकाल में कोई काम किया जाए तो उसमें सफलता नहीं मिलती . उसमें रुकावटें आने लगती हैं. आइए आपको बताते हैं कि कब होता है राहुकाल और क्यों उसमें कोई शुभ काम नहीं किया जाता. अगर राहु काल में किसी काम को अंजाम देना ही है तो उसके उपाय क्या हैं?
क्या है राहुकाल?
राहु ही राहुकाल का अधिपति ग्रह है. यह बुरा फल देता है. ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक, पूरे दिन में डेढ़ घंटे का वक्त राहुकाल का होता है. सूर्य के उगने से लेकर अस्त होने तक के वक्त का आठवां हिस्सा राहु का होता है. इसको ही राहुकाल माना जाता है.
राहुकाल की कैसे होती है गणना?
सूरज के उगने के वक्त, जगह और दिन के मुताबिक ही राहुकाल की कैलकुलेशन की जाती है. हर दिन राहुकाल का समय अलग होता है. दिन में ही राहुकाल लगता है. रविवार, मंगलवार और शनिवार को इसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. माना जाता है कि इन तीनों दिनों में राहुकाल के वक्त यह ग्रह ज्यादा असरदार होता है.
राहुकाल में क्या काम नहीं करने चाहिए?
करें ये उपाय
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)