व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया का नंबर-1 देश बने भारत, सरकार ने बना लिया ये धांसू प्लान
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व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया का नंबर-1 देश बने भारत, सरकार ने बना लिया ये धांसू प्लान

Vehicle Manufacturing In India: पिछले कुछ सालों में इंडियन ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने बहुत तेजी के साथ ग्रोथ की है. मौजूदा समय में भारत व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है. 

व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया का नंबर-1 देश बने भारत, सरकार ने बना लिया ये धांसू प्लान

Nitin Gadkari On Vehicle Manufacturing In India: पिछले कुछ सालों में इंडियन ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने बहुत तेजी के साथ ग्रोथ की है. मौजूदा समय में भारत व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है. अब आने वाले समय में भारत सरकार इसे और भी आगे ले जाना चाहती है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि सरकार का मिशन भारत को दुनिया का नंबर-1 व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बनाना है. 

उन्होंने कहा कि वह व्हीकल इंडस्ट्री को 25 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचाना चाहते हैं. केंद्रीय मंत्री ने वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन (वीजीजीएस) में सेमिनार को संबोधित करते हुए वाहन विनर्माताओं से स्वच्छ प्रौद्योगिकियों, खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) में निवेश करने को कहा है. उन्होंने कहा कि अगर वह (वाहन विनर्माता कंपनियां) ऐसा नहीं करेंगे तो पीछे छूट जाएंगे. 

गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य के अंतर्गत “हम व्हीकल सेक्टर को 25 लाख करोड़ रुपये का उद्योग बनाना चाहते हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘हमें नंबर एक बनना है. हमारा मिशन, हमारा लक्ष्य भारतीय वाहन उद्योग को दुनिया में नंबर एक विनिर्माण केंद्र बनाना है.’’ 

गडकरी ने कहा कि जब उन्होंने मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था, तब भारत का वाहन क्षेत्र दुनिया में सातवें स्थान पर था. उन्होंने कहा कि “अब हमने जापान को पीछे छोड़ दिया है और हम तीसरे स्थान पर आ गए हैं. वाहन क्षेत्र में बहुत क्षमताएं हैं और यह सिर्फ घरेलू बाजार तक नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार तक फैला है.” 

फिलहाल, भारत में वाहन उद्योग 12.5 लाख करोड़ रुपये का है. गडकरी ने कहा कि “यह उद्योग देश में चार करोड़ नौकरियां पैदा कर चुका है. यह उद्योग राज्य और केंद्र सरकारों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के रूप में सबसे ज्यादा राजस्व देता है.’’ 

व्हीकल के इलेक्ट्रिफिकेशन पर उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री कई गुना बढ़ गई है. उन्होंने कहा, “ईवी में निवेश करिए अन्यथा पिछड़ जाएंगे.”

(इनपुट- भाषा)

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