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6 Airbags Mandatory: भारत सरकार देश में कारों को सुरक्षित बनाने के लिए और सालाना दुर्घटनाओं में जान गवाने वाले लोगों की संख्या कर करने के लिए बड़े कदम उठा रही है. इसी राह में एक और बड़ा कदम सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा उठाया जाने वाला है. विभाग के एक वरिष्ठ सूत्र के हवाले से खबर मिली है कि कुछ वाहन निर्माताओं द्वारा विरोध किए जाने के बावजूद सरकार भारत में बिकने वाली सभी पैसेंजर कारों के साथ 6 एयरबैग्स अनिवार्य करने वाली है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं किया जा सकता. मंत्रालय इस नियम पर फैसला लेने वाला है औैर इसका नोटिफिकेशन जारी करने में कुछ समय लगने वाला है.
भारत सरकार ने जनवरी 2022 में गाइडलाइंस का एक ड्राफ्ट जारी करते हुए ये जानकारी दी थी कि 1 अक्टूबर से सभी कारों में 6 एयरबैग्स देना अनिवार्य होगा जिनमें 4 पैसेंजर एयरबैग्स और 2 कर्टन एयरबैग्स शामिल हैं. सूत्र की मानें तो इसपर फरवरी या मार्च 2022 में ही फैसला किया जाना तय था, लेकिन अब भी सरकार वाहन निर्माताओं से इसके लिए फीडबैक ले रही है. ये बयान भारत की सबसे बड़ी कंपनी द्वारा कही गई एक बात के बाद सामने आया है जिसमें कहा गया कि 6 एयरबैग्स अनिवार्य होने के बाद छोटी कारें महंगी हो जाएंगी. इसकी वजह से सस्ती कारें खरीदने वाले ग्राहकों के पास कोई विकल्प नहीं बचेगा. बता दें कि सभी कारों के लिए अगले हिस्से में दो एयरबैग्स देना अनिवार्य किया जा चुका है.
भारत सरकार के आंकलन के हिसाब से कारों में 6 एयरबैग्स जुड़ने पर कीमत में करीब 5,720 रुपये का इजाफा होगा, हालांकि ऑटो मार्केट डेटा प्रोवाइडर के हिसाब से कारों की कीमत में करीब 17,620 रुपये बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है. सूत्र की मानें तो कीमत में बढ़ोतरी को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा है, मंत्रालय ने एयरबैग निर्माताओं से बात की है घरेलू स्तर पर उन्हें एयरबैग्स तैयार करने के लिए भी कहा है. उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियां भारत से निर्यात होने वाले वाहनों में ज्यादा एयरबैग्स देती हैं, वहीं भारत में इनकी संख्या सबसे कम हो जाती है. इसके अलावा कारों के टॉप मॉडल को 4 एयरबैग्स दिए जाते हैं, वहीं इसके बेस वेरिएंट को सिर्फ दो, यहां लोगों को बेहतर सुरक्षा के लिए ज्यादा कीमत चुकाने पर मजबूर किया जाता है.
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वाहन निर्माताओं को सुरक्षा के मद्देनजर खुद ही अपनी कारें के साथ 6 एयरबैग्स देना चाहिए, सरकार की ओर से इसे अनिवार्य करने की जरूरत ही नहीं पड़नी चाहिए. हमें ये नियम इसीलिए लाना पड़ रहा है क्योंकि वाहन निर्माता कंपनियां खुद अपनी कारों के साथ ये सेफ्टी फीचर नहीं दी रही हैं. पिछले साल 39,000 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए हैं और सरकार के आंकलन के हिसाब से इन वाहनों में 6 एयरबैग्स होते तो एक तिहाई लोगों की जान बच सकती थी जिन्हें सिर पर या बगल से टकराव पर चोट आई है.