Anand Mahindra: आनंद महिंदा ने हाल ही में एक शख्स को सोशल मीडिया पर रिप्लाई दिया है, दरअसल ये शख्स कंपनी की कारों के डिजाइन, सर्विस और क्रेडिबिलिटी को लेकर निराश है.
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Anand Mahindra: किसी कार का डिजाइन या फिर उस कंपनी की सर्विस पसंद ना आना बेहद ही आम बात है. ऐसे में लोगों का भड़कना भी बेहद ही स्वाभाविक है. ऐसा ही कुछ हुआ हाल ही में जब एक शख्स ने कंपनी की कार का डिजाइन, सर्विस, क्वॉलिटी और क्रेडिबिलिटी पर निशाना साधते हुए एक आलोचनात्मक ट्वीट किया, इस दौरान कंपनी के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने इसका जवाब दिया है. यह ट्वीट महिंद्रा द्वारा अपनी नई इलेक्ट्रिक व्हीकल रेंज, BE6e और XEV 9e की लॉन्चिंग के बाद आया है.
You’re right, Sushant.
We have a long way to go.
But please consider how far we have come.
When I joined the company in 1991, the economy had just been opened up.
A global consulting firm strongly advised us to exit the car business since we had no chance, in their view, of… pic.twitter.com/xinxlBcGuV
— anand mahindra (@anandmahindra) December 1, 2024
क्या थी शख्स की शिकायत
दरअसल, सुशांत मेहता नाम के शख्स ने महिंद्रा को लेकर एक X पर एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि, सही रहेगा कि आप अपनी कारें, सर्विस सेंटर, स्पेयर पार्ट्स की समस्याएं और कर्मचारियों के बिहेवियर को ठीक करें. आपका हर एक प्रोडक्ट उन लोगों के लिए है, जो रिसर्च नहीं करते हैं. मीडिया शिकायतों से भरा हुआ है. मैं कारों के लुक के बारे में बात नहीं करूंगा क्योंकि यह सब्जेक्टिव है.
मेहता ने आगे लिखा कि, जब एस्थेटिक्स की बात आती हैं तो आपकी कारें हुंडई के सामने स्टैंड नहीं करती हैं. आप या तो जरूरत से ज्यादा कर रहे हैं या फिर बहुत ज्यादा करते हैं और गोबर की तरह डिजाइन बनाते हैं.
आनंद महिंद्रा ने किया रिस्पॉन्स
हमें एक लंबा रास्ता तय करना है.
लेकिन कृपया सोचें कि हम कितनी दूर आ गए हैं.
जब मैं 1991 में कंपनी में शामिल हुआ, तो इकॉनमी अभी-अभी खुली थी.
एक वैश्विक परामर्श फर्म ने हमें दृढ़तापूर्वक कार व्यवसाय से बाहर निकलने की सलाह दी क्योंकि उनके विचार में हमारे पास इसमें प्रवेश करने वाले विदेशी ब्रांडों के साथ प्रतिस्पर्धा करने का कोई मौका नहीं था.
तीन दशक बाद, हम अभी भी वहीं हैं और जमकर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं.
हमने सफल होने की अपनी भूख को बढ़ाने के लिए आसपास के सभी संशयवाद, संशयवाद और यहां तक कि अशिष्टता का भी उपयोग किया है, जैसा कि आपकी पोस्ट में है।.
हां, सोने से पहले हमें मीलों चलना है. किसी भी तरह की आत्मसंतुष्टि के लिए कोई जगह नहीं है और निरंतर सुधार हमारा मंत्र बना रहेगा.
लेकिन हमारे पेट में आग भरने के लिए धन्यवाद...