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नई दिल्लीः ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के सामने कई सारी चुनौतियां इस समय मौजूद हैं जिनमें सबसे बड़ी समस्या अब कोविड-19 से हटकर सेमीकंडक्टर चिप शॉर्टेज और सप्लाई चेन में आया गैप है. बाकी वाहन निर्माताओं की तरह मारुति सुजुकी भी इस समस्या से जूझ रही है, खासतौर पर उन वाहनों को लेकर जिनकी डिमांड बहुत ज्यादा है. मसलन CNG और ऑटोमैटिक मॉडल्स पर अब ग्राहकों को लंबी वेटिंग मिलने लगी है. दिसंबर 2021 में सीएनजी कारों के लिए मारुति सुजुकी के पास करीब 1.20 लाख ऑर्डर बाकी थे और इस समय भी स्थिति में सुधार नजर नहीं आ रहा है.
कंपनी की सबसे पॉपुलर 7-सीटर अर्टिगा पर ग्राहकों को 36-40 हफ्ते तक वेटिंग दी जा रही है. इसके अलावा सबसे ज्यादा बिकने वाली पैसा वसूल हैचबैक वैगनआर पर भी ग्राहकों को 14-20 हफ्ते की वेटिंग दी जा रही है. मारुति सुजुकी की बाकी प्रचलित सीएनजी कारों पर भी 12-16 हफ्तों की वेटिंग मिल रही हैं जिनमें एस-प्रेसो और ईको जैसी किफायती कारों आती हैं. बता दें कि आज कार की बुकिंग कराने पर मिलने वाला वेटिंग पीरियड ग्राहक द्वारा चुने गए कार मॉडल के हिसाब से घटता-बढ़ता है. वैगनआर के 1.0 और 1.2-लीटर मैनुअल वेरिएंट पर 8 हफ्ते की वेटिंग मिल रही है, वहीं इसके एएमटी वेरिएंट के लिए ये वेटिंग दुगनी हो जाती है.
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अर्टिगा और वैगनआर के अलावा मारुति सुजुकी स्विफ्ट, डिजायर और विटारा ब्रेजा पर औसत 10-12 हफ्तों की वेटिंग मिल रही है, इसके अलावा 12.-18 हफ्ते की वेटिंग इन कारों के ऑटोमैटिक वेरिएंट पर दी जा रही है. हालिया लॉन्च 2022 बलेनो के लिए भी कंपनी को दमदार डिमांड मिलना शुरू हो गई है और कंपनी इस कार की 50,000 से ज्यादा बुकिंग काफी समय पहले हासिल कर चुकी है. इस कार पर फिलहाल 3 महीने की वेटिंग दी जा रही है. ये बताने की जरूरत नहीं कि भारत में मारुति सुजुकी की कारों को कितना पसंद किया जाता है, ऐसे में सप्लाई चेन की ये समस्या मांग और पूर्ती के बीच बड़ा अंतर बनाती जा रही है.