गाड़ियों में क्यों होती हैं DRL लाइट्स, रात से ज्यादा दिन में आती हैं काम, ऐसे बचाती हैं एक्सीडेंट
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गाड़ियों में क्यों होती हैं DRL लाइट्स, रात से ज्यादा दिन में आती हैं काम, ऐसे बचाती हैं एक्सीडेंट

DRL in car means:  इन दिनों अधिकतर गाड़ियों में DRL का फीचर मिलने लगा है. यह कार की हेडलाइट के ठीक ऊपर या नीचे दी होती है. आज हम आपको बताने वाले हैं कि आखिर ये लाइट्स क्यों दी जाती हैं और इनका क्या काम है. 

गाड़ियों में क्यों होती हैं DRL लाइट्स, रात से ज्यादा दिन में आती हैं काम, ऐसे बचाती हैं एक्सीडेंट

What is DRL in cars: आज कल गाड़ियां ढेर सारे फीचर्स के साथ आने लगी हैं. कुछ फीचर्स तो ऐसे होते हैं, जिनका नाम तो हम लंबे समय से जानते हैं लेकिन उनका सही इस्तेमाल नहीं पता. ऐसा ही एक फीचर है DRL. इन दिनों अधिकतर गाड़ियों में DRL का फीचर मिलने लगा है. यह कार की हेडलाइट के ठीक ऊपर या नीचे दी होती है. यह लाइट गाड़ी ऑन करने के बाद हमेशा जलती रहती है. आज हम आपको बताने वाले हैं कि आखिर ये लाइट्स क्यों दी जाती हैं और इनका क्या काम है. 

क्या होती है डीआरएल (DRL)
डीआरएल एक ऑटोमोटिव लाइटिंग डिवाइस हैं जो इंजन के चलने पर ऑटोमैटिकली ऑन हो जाते हैं. इन्हें डे टाइम रनिंग लाइट भी कहा जाता है. इन्हें हेडलाइट्स का हिस्सा न समझा जाए, क्योंकि डीआरएल का काम ड्राइवरों को सड़क बेहतर ढंग से देखने में मदद करना नहीं है. यह बाकी लोगों को आपका वाहन दिखाने के लिए इस्तेमाल होती हैं.

यानी सड़क पर चल रहे बाकी लोगों को आपकी गाड़ी दूर से ही दिख सके. यह बाकी लोगों का ध्यान आकर्षित करती हैं, जिससे एक्सीडेंट का खतरा कम हो सके. जब तक कार का इंजन बंद नहीं होता तब तक यह जलती रहती है. 

डीआरएल का काम सड़क पर रोशन डालने का नहीं होता है. यही वजह है कि DRL अक्सर हैलोजन लाइट के बजाय एलईडी से बने होते हैं. एलईडी डीआरएल लंबे समय तक चलने वाले, एनर्जी एफिशिएंट होते हैं और एक चमकदार सफेद रोशनी देते हैं. यहां यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि कार के अलावा अब कई बाइक्स में भी DRL मिलने लगा है. 

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