White Number Plate: यह भारत में सबसे आम प्रकार की नंबर प्लेट है. सभी निजी या गैर-व्यावसायिक वाहनों (दोपहिया और चार पहिया) पर सफेद नंबर प्लेट होती है.
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White Number Plate: भारत की सड़कों पर चलने वाली गाड़ियों में आपने कई रंगों की नंबर प्लेट देखी होगी, जिनमें पीली, लाल, नीली हरी, काली और सफ़ेद नंबर प्लेट शामिल है. इनमें से सबसे कॉमन है सफेद रंग की नंबर प्लेट. आइए जानते हैं इस रंग की नंबर प्लेट किसे दी जाती है.
यह भारत में सबसे आम प्रकार की नंबर प्लेट है. सभी निजी या गैर-व्यावसायिक वाहनों (दोपहिया और चार पहिया) पर सफेद नंबर प्लेट होती है. काले अक्षरों के साथ सफेद लाइसेंस प्लेट वाले वाहन का मतलब है कि यह केवल निजी/व्यक्तिगत उपयोग के लिए है. सफेद पंजीकरण नंबर प्लेट वाले वाहन में कोई सामान नहीं ले जा सकता या यात्रियों को नहीं ले जा सकता है.
सफेद नंबर प्लेट वाली गाड़ियों को मानने पड़ते हैं ये नियम
निजी उपयोग: सफ़ेद नंबर प्लेट वाली गाड़ियों का उपयोग केवल निजी उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है. इनका इस्तेमाल व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता है, जैसे कि यात्रियों को ढोना या सामान का परिवहन करना.
वाहन का प्रकार: सफ़ेद नंबर प्लेट केवल निजी वाहनों के लिए जारी की जाती है, जैसे कि कारें, मोटरसाइकिलें, और स्कूटर. व्यावसायिक वाहनों, जैसे कि टैक्सी और बसों को सफ़ेद नंबर प्लेट नहीं दी जाती है.
पंजीकरण: सफ़ेद नंबर प्लेट वाली गाड़ियों का पंजीकरण क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में कराना अनिवार्य है.
बीमा: सफ़ेद नंबर प्लेट वाली गाड़ियों का बीमा कराना भी अनिवार्य है.
प्रदूषण नियंत्रण: सफ़ेद नंबर प्लेट वाली गाड़ियों को प्रदूषण नियंत्रण मानदंडों का पालन करना होता है और समय-समय पर प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र प्राप्त करना होता है.
इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है. यदि कोई व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे जुर्माना भरना पड़ सकता है या उसकी गाड़ी जब्त की जा सकती है.