Chaitra Navratri 2023: नालंदा के इस मंदिर में नवरात्रि पर नहीं मिलती है महिलाओं को एंट्री!, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान
Chaitra Navratri Special: नालंदा घोसरावां स्थित मां आशापुरी मंदिर में नवरात्रों के समय महिलाओं का मंदिर के अंदर जाने की मनाही है. मान्यता है कि इन 9 दिनों तक यहां नवरात्र के मौके पर तंत्रिक क्रिया और विधि से पूजा की जाती है.
Nalanda Maa Ashapuri: आशापुरी मंदिर में शारदीया और चैत्र नवरात्र में महिलाओं का प्रवेश वर्जित रहता है. आज 22 मार्च से चैत्र नवरात्र शुरू हो गई है. अब महिलाएं 9 दिनों तक बाहर से ही मां आशापुरी के दर्शन करेंगी. नवरात्र खत्म होने के बाद 10वें दिन से महिलाएं मंदिर के अंदर जाकर पूजा कर सकेंगी. नालंदा घोसरावां स्थित मां आशापुरी मंदिर में नवरात्रों के समय महिलाओं का मंदिर के अंदर जाने की मनाही है. मान्यता है कि इन 9 दिनों तक यहां नवरात्र के मौके पर तंत्रिक क्रिया और विधि से पूजा की जाती है.
सालों से चली आ रही है परंपरा
नवरात्र के समय इस मंदिर में महिलाओं के ऊपर इसलिए प्रवेश वर्जित रहता है, क्योंकि यहां प्रतिपदा से लेकर दस दिनों तक विजयादशमी की आरती के पहले तक मंदिर में पूर्ण रूप से प्रवेश वर्जित रहता है. यह इलाका पूर्व से ही तांत्रिक का गढ़ माना गया है. यहां तांत्रिक लोग आकर सिद्धि प्राप्त करते थे. उसी समय से पूरे नवरात्र में यहां तांत्रिक पूजा यानी तंत्रियाण पूजा होती थी और तंत्रियाण पूजा में महिलाओं के ऊपर पूर्ण रूप से प्रवेश निषेध माना गया है. यह प्रथा आज से नहीं बल्कि आदि अनादि काल से ही चली आ रही है.
आशापुरा माता ने दिए थे दर्शन
पौराणिक कथाओं और कहावतों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण राजा घोष ने कराया था, जिसकी वजह से इस गांव का नाम घोसरावां पड़ा. बताया जाता है कि इस स्थान में आशापुरा माता ने स्वयं प्रकट होकर लोगों को दर्शन दिए थे, और इस स्थान पर मां आशापुरी मंदिर का निर्माण कराया गया.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)