रक्षाबंधन का त्योहार देशभर में बहुत ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. कहते हैं कि सावन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है. इस बार रक्षाबंधन का त्योहार 30 और 31 अगस्त के दिन मनाई जाएगी. रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधते हुए उसकी लंबी आयु की कामना करती हैं.
वहीं, भाई भी बहनों की रक्षा का वचन देते हुए उन्हें कुछ उपहार देते हैं. लेकिन शास्त्रों के अनुसार पहली राखी भाई की कलाई पर बांधने की जगह देवताओं को बांधने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. ज्योतिष शास्त्र में पहली राखी कुछ देवताओं को बांधना शुभ माना गया है.
गणेश जी को प्रथम पूजनीय माना गया है. कहते हैं कि पहली राखी भगवान गणेश को बांधनी चाहिए. ऐसा करने से गणपति की कृपा आप पर बनी रहेगी और जीवन में समस्याएं आपको नहीं घेरेंगी.
सावन का आखिरी दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है. ऐसे में भगवान शिव को राखी बांधने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
हिंदू शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव के ग्याहरवें रूद्रावतार हनुमान जी कलयुग में धरती पर विराजमान है. कहते हैं कि सच्चे मन से बजरंगबली के याद किया जाए, तो भक्तों की सभी समस्याएं दूर होती हैं. कहते हैं कि अगर हनुमान जी को राखी बांधी जाए, तो कुंडली से मंगल का प्रभाव कम हो जाता है.
भगवान श्री कृष्ण को पहली राखी बांधने से वे भक्तों पर कोई संकट नहीं आने देते और हर मुसीबत से भक्तों की रक्षा करते हैं. बता दें कि इस बार राखी बांधने के सही समय सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक है. इस बीच बहनें भाइयों की कलाई पर सुबह 7 बजकर 05 मिनट तक राखी बांध सकती हैं.
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