विक्टोरिया म्यूजियम (Victoria Museum) की वेबसाइट पर जानकारी दी गई है कि सांपों में कोई भी सामाजिक बंधन नहीं होता, और न ही हमलावर को पहचान पाते हैं. ऐसा संभव नहीं कि सांप नाग के हमलावर को पहचान कर बदला ले सके. दरअसल, सांपों की मेमोरी इतनी तेज नहीं होती. बॉलीवुड फिल्मों की वजह से यह अफवाह फैली है, जो कि सही नहीं है.
सांप के कान आम जानवरों की तरह बाहर नहीं निकले होते, लेकिन वह जमीन से पैदा होने वाली धमक से अंदाजा लगा लेते हैं कि कोई उसके करीब आ रहा है.
एक और मान्यता है जिसमें बताया गया है कि सांप हमेशा जोड़े में ही चलते हैं, लेकिन यह बात भी बिल्कुल गलत है. दरअसल, जब भी प्रेम-मिलाप होता है तो तभी दो सांप एक साथ नजर आते हैं, लेकिन उस दौरान भी जोड़े में नहीं चलते.
ऐसी कई जगहों पर मान्यता है कि अगर सांप का सिर काट दिया जाए तो सूर्यास्त तक जिंदा रहता है, लेकिन यह बिल्कुल भी गलत फैक्ट है. सिर के कटने के बाद सांप कुछ ही वक्त के लिए जिंदा रहेगा और फिर उसकी मौत हो जाएगी. सूर्यास्त तक जिंदा रहने की बात गलत है.
ऐसा कहा जाता है कि अगर कटोरी में दूध रख दिया जाए तो सांप आकर पी लेता है, जबकि ऐसा नहीं है. सांप डेयरी प्रोडक्ट्स को पचाने में परेशानी होती है. इसलिए दूध पीने से कतराते हैं. हालांकि, अगर उन्हें प्यास लगी होगी तो वह यह पी सकते हैं.
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