Vastu Tips: थाली में 3 रोटी रखने पर क्‍यों टोकते हैं बड़े-बुजुर्ग? होती है ये बड़ी वजह
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Vastu Tips: थाली में 3 रोटी रखने पर क्‍यों टोकते हैं बड़े-बुजुर्ग? होती है ये बड़ी वजह

Astrology: घर के बड़े-बुजुर्गों ने आपको कई बार टोका होगा कि थाली में 3 रोटी न रखें, लेकिन आपने कई बार उनकी इन बातों पर ध्‍यान नहीं दिया होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं इसके पीछे क्‍या मान्यता हैं? तो चलिए जानते हैं. 

Vastu Tips: थाली में 3 रोटी रखने पर क्‍यों टोकते हैं बड़े-बुजुर्ग? होती है ये बड़ी वजह

Food Astrology: मान्‍यताओं के मुताबिक, वास्तु शास्त्र का हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है. प्राचीन समय से ही इस बात का बहुत ध्‍यान रखा जाता है. आपको भी कई बार बड़े-बुजुर्गों ने छोटी-छोटी बातों के लिए टोका होगा. कई काम हम हमेशा शुभ व अशुभ देखकर ही शुरू करते हैं. इसी तरह हमारे घर की सबसे खास जगह रसोई घर होती है, इसलिए रसोई घर में आपकी वास्तु का खास ध्‍यान रखना चाहिए. वास्तु शास्त्र में रसोई घर के वास्तु नियम के अलावा खाना परोसने के नियमों को भी विस्‍तार से बताया गया है. आपको भी खाना परोसते समय इन बातों का ध्‍यान जरूर रखना चाहिए, नहीं तो आपके घर में दरिद्रता और आर्थिक संकट आ सकता है. चलिए जानते हैं, वास्तु शास्त्र में सही तरह से खाना परोसने के क्‍या नियम है? 

इसलिए नहीं परोसी जाती 3 रोटियां

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तीन नंबर को अच्छा नहीं माना गया है. ऐसी मान्यता है कि, तीन नंबर को पूजा-पाठ में दूर रखा जाता है और इसके अलावा आम जीवन में भी इससे दूरी बनाना अच्‍छा रहता है, इससे जीवन में उसका बुरा प्रभाव नहीं पड़ता. ऐसी मान्यता है कि मृतक की थाली में तीन रोटियां रखी जाती हैं. 

बड़े बुजुर्ग हमेशा से बोलते आ रहे

इसलिए जीवित व्यक्ति को थाली में तीन रोटी नहीं रखना चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना गया है. इसलिए परिवार के बड़े बुजुर्ग हमेशा से ये बात बोलते आ रहे हैं कि थाली में 4-5 कितनी भी रोटी या पूरी परोसे. बस, तीन से परहेज करें.  

सदियों से लोग मानते आ रहे 

हिंदू परिवारों में और भी कई मान्यताएं हैं, जिन्हें लोग सदियों से मानते आ रहे हैं और इन सभी मान्यताओं को मानने के पीछे कुछ न कुछ वजह है. ऐसे ही 3 रोटी वाली बात भी सदियों से लोग मानते आ रहे हैं. हालांकि, इसका कोई वैज्ञानिक आधार अभी तक पता नहीं चला है. लेकिन फिर भी कुछ मान्‍यताएं एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में आती हैं और वो बातें लोगों के स्वभाव का हिस्सा बन जाती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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