प्रतिबंध हटते 18 दिन में 45000 टन प्याज का हो गया निर्यात, इन दो शर्तों से किसान नाराज
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प्रतिबंध हटते 18 दिन में 45000 टन प्याज का हो गया निर्यात, इन दो शर्तों से किसान नाराज

प्याज के निर्यात से पाबंदी हटने के साथ ही देश से 45 हजार टन प्याज का निर्यात हो चुका है. प्याज के बढ़ते निर्यात के बावजूद किसान खुश नहीं है.   एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.

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Onion Export: प्याज के निर्यात से पाबंदी हटने के साथ ही देश से 45 हजार टन प्याज का निर्यात हो चुका है. प्याज के बढ़ते निर्यात के बावजूद किसान खुश नहीं है.   एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि दुनिया के सबसे बड़े सब्जी निर्यातक ने बीते दिसंबर में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और फिर सुस्त उत्पादन के कारण कीमतों में वृद्धि के बाद मार्च में इसे बढ़ा दिया था. हालांकि किसान सरकार की ओर से निर्यात पर लगाई गई दो शर्तों से नाराज है. सरकार ने प्याज के निर्यात से प्रतिबंध तो हटा लिया है, लेकिन दो शर्तें लगा रखी है. सरकार ने प्याज के निर्यात पर मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस और 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी की शर्त रखी है, इन दो शर्तों की वजह से घरेलू बाजारों में प्याज की कीमतें प्रोडक्शन कॉस्ट से भी कम हो गई हैं. जिसके चलते किसानों को मंडियों में घाटे में प्याज बेचना पड़ रहा है. 

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की सचिव निधि खरे ने बताया कि प्रतिबंध हटने के बाद से 45,000 टन से अधिक प्याज का निर्यात किया गया है. अधिकतर निर्यात पश्चिम एशिया और बांग्लादेश को किया गया. सरकार ने चुनाव के दौरान प्याज की कीमतें कम रखने के लिए चार मई को प्रतिबंध हटा दिया था. हालांकि, प्रति टन पर 550 अमेरिकी डॉलर का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया गया था.

 खरे ने कहा कि इस साल अच्छे मानसून के पूर्वानुमान से जून से प्याज सहित खरीफ फसलों की बेहतर बुवाई सुनिश्चित होगी. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की एजेंसियों ने चालू वर्ष के लिए लक्षित 5,00,000 टन का भंडार (बफर स्टॉक) रखने के लिए हालिया रबी (सर्दियों) की फसल से प्याज की खरीद शुरू कर दी है. कृषि मंत्रालय के प्राथमिक अनुमान के अनुसार, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में कम उत्पादन के कारण फसल वर्ष 2023-24 में देश का प्याज उत्पादन सालाना आधार पर 16 प्रतिशत घटकर 2.54 करोड़ टन रहने की उम्मीद है.  

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