Old Pension Scheme Update: ओपीएस के तहत कर्मचारियों की तरफ से किसी प्रकार का योगदान नहीं दिया जाता. लेकिन तेलंगाना में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद स्थिति ज्यादा पेचीदगी नजर आ रही है. यहां पर कांग्रेस की तरफ से ओपीएस को लागू करने का वादा किया गया है.
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OPS In Telangana: लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माने जा रहे विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आ गया है. तीन राज्यों में बीजेपी सरकार बनाने जा रही है. मध्य प्रदेश को छोड़कर राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने सत्ता में वापसी की है. राजस्थान और छत्तीसगढ़, पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर काफी चर्चा में रहे हैं. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में सबसे पहले पुरानी पेंशन को लागू किया था. छत्तीसढ़ में भी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ओपीएस लागू करने सरकारी कर्मचारियों का दिल जीत लिया था. लेकिन अब सत्ता बदलने के साथ ही यह सवाल उठने लगा है कि राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन या नई पेंशन?
ओपीएस के तहत कर्मचारी कोई योगदान नहीं देते
अब जब राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के हाथ से सत्ता चली गई है तो दोनों राज्यों में नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) लागू करने का मामला मजबूत होता दिख रहा है. लेकिन यहां पर पेच यह है कि दोनों ही राज्यों के सरकारी कर्मचारियों ने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को ऑप्ट कर लिया है. ओपीएस के तहत कर्मचारियों की तरफ से किसी प्रकार का योगदान नहीं दिया जाता. लेकिन तेलंगाना में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद स्थिति ज्यादा पेचीदगी नजर आ रही है. यहां पर कांग्रेस की तरफ से ओपीएस को लागू करने का वादा किया गया है. इस योजना के तहत राज्य सरकार की तरफ से पेंशन का पूरा बोझ वहन किया जाता है.
45 से 50 परसेंट पेंशन देने का आश्वासन!
विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली शानदार जीत के बाद यह भी उम्मीद है कि केंद्र ऐसे कर्मचारियों की चिंता को दूर करने का प्रयास करेगा, जिन्होंने 2004 के बाद सरकारी नौकरी ज्वाइन की थी और वे एनपीएस के तहत हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्र भी सरकारी कर्मचारियों के लिए ऐसी व्यवस्था लाने की कोशिश में है जो पेंशन के रूप में अंतिम वेतन का कम से कम 45 से 50 परसेंट देने का आश्वासन देती हो. सरकार की तरफ से इसके तहत पिछले दिनों समिति का गठन भी किया गया था. उम्मीद की जा रही है कि ओपीएस को लेकर गठित की गई समिति आम चुनाव से पहले अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी. इसकी रिपोर्ट के आधार पर ही आगे का फैसला किये जाने की उम्मीद है.
सबसे बेहतर विकल्प क्या?
लोकसभा चुनाव की घोषणा तीन महीने बाद हो जाएगी. उम्मीद यह है कि वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता वाली समिति केंद्र की वित्तीय स्थिति को प्रभावित किए बिना इससे जुड़ी चिंता को दूर करे. बजट में 2.4 लाख करोड़ के पेंशन बिल में इजाफे के बीच सरकार का तर्क है कि समय आ गया है जब बोझ को कम किया जाए. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार कर्मचारी नेताओं समेत अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स से बातचीत के बाद यह कोशिश कर रही है कि सिस्टम में सबसे बेहतर विकल्प क्या हो सकता है? केंद्र सरकार की तरफ से ओपीएस की बहाली पर पहले ही इंकार किया जा चुका है. अब यह देखने वाली बात होगी कि जिन राज्यों में भाजपा को जीत मिली है वहां पर सरकार क्या कदम उठाती है?