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एयर इंडिया एक्सप्रेस और प्रबंधन के बीच का विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. एयरलाइन के कर्मचारियों और एयरलाइन मैनेजमेंट के बीच का विवाद धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है. कर्मचारी संगठन ने एयरलाइन पर अनुचित श्रम व्यवहार का आरोप लगाया है. यूनियन ने मुद्दों को सुलझाने के लिए श्रम आयुक्त से हस्तक्षेप की मांग की है.
क्या है पूरा विवाद
एआई एक्सप्रेस यूनियन ने अनुचित श्रम प्रथाओं का आरोप लगाया, श्रम आयुक्त से हस्तक्षेप की मांग की है. यूनियन ने मुद्दों को सुलझाने के लिए श्रम आयुक्त से हस्तक्षेप की मांग की है. भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध एयर इंडिया एक्सप्रेस कर्मचारी संघ (एआईएक्सईयू) ने इस संबंध में मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) को पत्र लिखा है. यह पत्र ऐसे समय में आया है जब चालक दल के सदस्यों और एयरलाइन प्रबंधन के बीच विवाद पर सीएलसी (सी) के समक्ष सुलह की कार्यवाही चल रही है. यूनियन ने आरोप लगाया है कि प्रबंधन विभिन्न ऐसे उपाय अपना रहा है जो अच्छे औद्योगिक संबंध बनाने के लिए अनुकूल नहीं हैं। यह पत्र 28 जून को लिखा गया है.
इसमें आरोप लगाया गया है, कि उनकी कार्रवाइयां औद्योगिक संबंधों को और बिगाड़ रही हैं जो पहले से ही उनके अनुचित श्रम व्यवहारों और श्रम कानूनों के उल्लंघन से प्रभावित हैं. एयर इंडिया एक्सप्रेस की ओर से इस संबंध में फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं मिली है. अन्य मुद्दों के अलावा यूनियन ने दावा किया है कि छह से आठ मई तक बीमारी की छुट्टी लेने वाले चालक दल के सदस्यों को आरोप पत्र जारी कर दिया गया है तथा कुछ यूनियन सदस्यों के खिलाफ जांच शुरू की जा रही है. टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया एक्सप्रेस के लगभग 200 चालक दल के सदस्य सात मई को एयरलाइन में कथित कुप्रबंधन के विरोध में हड़ताल पर चले गए, जिससे सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दी गईं. परिणामस्वरूप, एयरलाइन प्रबंधन ने चालक दल के 25 सदस्यों की सेवाएं समाप्त कर दीं तथा अन्य को काम पर लौटने की चेतावनी दी, अन्यथा उनके खिलाफ भी यही कार्रवाई की जाएगी.