सार्वजनिक क्षेत्र का इलाहाबाद बैंक अगले वित्त वर्ष में पूंजी जुटाने पर विचार कर रहा है. कोलकाता का यह बैंक हाल में ही त्वरित एवं सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) की प्रक्रिया से बाहर आया है.
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कोलकाता : सार्वजनिक क्षेत्र का इलाहाबाद बैंक अगले वित्त वर्ष में पूंजी जुटाने पर विचार कर रहा है. कोलकाता का यह बैंक हाल में ही त्वरित एवं सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) की प्रक्रिया से बाहर आया है. रिजर्व बैंक ने फरवरी में इलाहाबाद बैंक को कमजोर बैंकों की सूची से हटा दिया था.
हिस्सेदारी की बिक्री के विकल्प पर विचार
इलाहाबाद बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एसएस मल्लिकार्जुन राव ने कहा कि बैंक साधारण बीमा संयुक्त उद्यम यूनिवर्सल सोम्पो में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री के विकल्प पर विचार कर रहा है. इसके अलावा बैंक का इरादा मुंबई जैसे स्थानों पर अपनी गैर प्रमुख संपत्तियों की बिक्री तैयारी भी की है.
इलाहाबाद बैंक पीसीए से बाहर आ गया
राव ने कहा, इलाहाबाद बैंक पीसीए से बाहर आ गया है. सरकार द्वारा पूंजी डालने से ऐसा हो पाया है, क्योंकि शुद्ध एनपीए और सीआरएआर से संबंधित कुछ शर्तों को बैंक पूरा नहीं कर पा रहा था.
राव ने कहा कि बैंक का शुद्ध एनपीए छह प्रतिशत से नीचे आ गया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि बैंक 2019 में मुनाफे में आ जाएगा. सरकार ने बैंक में पूंजी नियामकीय जरूरतों को पूरा करने के लिए डाली है. उन्होंने कहा कि वृद्धि के लिए हालांकि कुछ पूंजी की जरूरत है लेकिन हम इसको लेकर चिंतित नहीं हैं.
राव ने कहा कि सेबी की जरूरत के हिसाब से सरकार के पास अभी बैंक में अपनी और हिस्सेदारी का विनिवेश करने की गुंजाइश है.