'दुन‍िया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने के ल‍िए 10% की दर से ग्रोथ करनी होगी'
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'दुन‍िया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने के ल‍िए 10% की दर से ग्रोथ करनी होगी'

नीति आयोग के पूर्व प्रमुख कांत ने कहा, ‘भारत को तीव्र गति से बढ़ने और 2047 तक 35 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए महत्वाकांक्षी होना जरूरी है.’ 2047 तक भारत को बाकी दुनिया के लिए ऊर्जा या स्वच्छ ऊर्जा का निर्यातक बनकर उभरना चाहिए.

'दुन‍िया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने के ल‍िए 10% की दर से ग्रोथ करनी होगी'

Indian Economy: जी20 में भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि भारत साल 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा. 2047 तक 35 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी बनने के लिए इसे तेजी से आगे बढ़ने की जरूरत है. कांत ने ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन की तरफ से द‍िल्‍ली में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भारत को लक्ष्य हासिल करने के लिए अगले तीन दशक तक 9-10 प्रतिशत की दर से व‍िकास करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘भारत 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा. अब जापान, ब्रिटेन एवं जर्मनी सभी देशों के मंदी के दौर में चले जाने पर हमें इस काम को और अधिक तेजी से कर पाने में सक्षम होना चाहिए.’

3.6 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी होने का अनुमान

अभी भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है. इंड‍ियन इकोनॉमी का आकार मौजूदा मूल्य के आधार पर 31 मार्च, 2024 तक करीब 3.6 लाख करोड़ डॉलर होने का अनुमान है. नीति आयोग के पूर्व प्रमुख कांत ने कहा, ‘भारत को तीव्र गति से बढ़ने और 2047 तक 35 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए महत्वाकांक्षी होना जरूरी है.’ उन्होंने कहा कि भारत उस समय से काफी आगे बढ़ चुका है जब उसे बहीखाते की समस्याओं का सामना करना पड़ा था. कांत ने कहा कि पश्‍च‍िमी देशों में इनवेस्‍टमेंट गूगल, फेसबुक, अमेजन और एप्पल जैसी कंपनियों से आए. इसके उलट भारत ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की ताकत को दर्शाया है.

जी20 शेरपा ने कहा कि 2047 तक भारत को बाकी दुनिया के लिए ऊर्जा या स्वच्छ ऊर्जा का निर्यातक बनकर उभरना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हमारा लक्ष्य ऊर्जा का सबसे सस्ता उत्पादक, हरित हाइड्रोजन एवं इसके तरल रूप अमोनिया का सबसे सस्ता निर्यातक और इलेक्ट्रोलाइज़र का सबसे बड़ा विनिर्माता बनने का होगा.’ इसके साथ ही कांत ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत टिकाऊ शहरीकरण, बढ़ी हुई कृषि उत्पादकता और बढ़े हुए निर्यात के दम पर आगे बढ़ेगा. (भाषा)

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