IAS Arpita Thube Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा भारत की सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. हर साल लाखों उम्मीदवार सिविल सेवा में शामिल होने के अपने सपने को पूरा करने की इच्छा रखते हैं.
इस जर्नी में केवल कुछ ही सफल हो पाते हैं. जहां कई लोग किसी कारण से हार मान लेते हैं, वहीं कुछ लोग अपने दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत से मिसाल कायम करते हैं. ऐसी ही एक मिसाल हैं IAS अधिकारी अर्पिता थुबे.
अर्पिता महाराष्ट्र के ठाणे की रहने वाली हैं. छोटी उम्र से ही उनका अकेडमिक रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है. उन्होंने सरदार पटेल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की.
देश की सेवा करने की प्रबल इच्छा के साथ उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. अर्पिता ने 2019 में पहली बार यूपीएससी परीक्षा दी थी. हालांकि, वह इस बार प्री एग्जाम भी क्वालिफाई नहीं कर पाई थीं. जो एक बहुत बड़ा झटका था.
हार मानने के बजाय, उन्होंने इसे सीखने के अनुभव के रूप में लिया. 2020 में, वह और मजबूत होकर वापस आईं, और उसकी मेहनत रंग लाई जब उन्होंने 383वीं रैंक हासिल की और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में शामिल हो गई.
हालांकि, उसकी असली ख्वाहिश भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में शामिल होना था. अर्पिता ने 2021 में फिर से यूपीएससी परीक्षा दी, लेकिन अपने लक्ष्य से चूक गईं.
असफलता के बावजूद उनका संकल्प अडिग रहा. अपने चौथे और आखिरी अटेंप्ट में अर्पिता ने अपनी तैयारी पर पूरा फोकस करने के लिए आईपीएस की ड्यूटी से ब्रेक लिया.
2022 में उनकी लगन और दृढ़ता का फल तब मिला जब उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में 214वीं रैंक हासिल कर सफलता हासिल की.
अर्पिता थुबे की जर्नी इस बात का प्रमाण है कि असफलताएं केवल सीखने के मौका हैं. उनकी कहानी लाखों युवाओं के लिए मोटिवेशन है, जो असफलताओं के बाद हार मानने के बजाय अपने सपनों की ओर बढ़ते रहते हैं. अर्पिता ने दिखाया है कि दृढ़ संकल्प, धैर्य और कड़ी मेहनत से किसी भी चुनौती पर विजय पाई जा सकती है.
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