अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण का काम अगले महीने पूरा हो जाएगा. हिंदुजा ग्रुप अगले महीने डील पूरी कर लेगी. रिलायंस कैपिटल को लेकर हिंदुजा ग्रुप की बड़ी तैयारी और प्लानिंग कर रखी है.
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Reliance Capital: अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण का काम अगले महीने पूरा हो जाएगा. हिंदुजा ग्रुप अगले महीने डील पूरी कर लेगी. रिलायंस कैपिटल को लेकर हिंदुजा ग्रुप की बड़ी तैयारी और प्लानिंग कर रखी है. कंपनी बैंकिंग, बीमा समेत इन सेक्टर में बिजनेस 3 गुना करने की तैयारी की प्लानिंग बना चुकी है.
अगले महीने पूरी होगी डील
लंबी प्रक्रिया के बाद अगले महीने तक हिंदुजा ग्रुप की कंपनी IIHL को कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल (R-Cap) का अधिग्रहण पूरा कर लेगी. 9861 करोड़ रुपये में हिंदुजा समूह की सब्सिडियरी कंपनी ने रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण किया है. डील में तमाम परेशानियां आई, लेकिन अब उम्मीद की जा रही है कि अगले महीने ये डील पूरी हो जाएगी.
कंपनी को लेकर हिंदुजा समूह का बड़ा प्लान
रिलायंस कैपिटल के कारोबार को लेकर हिंदुजा समूह ने बड़ी तैयारी कर रखी है. अगले 5 साल में बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (BFSI) कारोबार को 3 गुना से अधिक बढ़ाकर 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने का है. हिंदुजा समूह की कंपनी आईआईएचएल को कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल (आर-कैप) का अधिग्रहण अगले महीने तक पूरा होने की उम्मीद है.
उसका लक्ष्य अगले पांच साल में बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (बीएफएसआई) कारोबार को तीन गुना से अधिक बढ़ाकर 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने का है. आईआईएचएल के चेयरमैन अशोक पी हिंदुजा ने कहा, रिलायंस कैपिटल की समाधान प्रक्रिया से संबंधित अधिकांश स्वीकृतियां और प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं.
प्रशासक और सीओसी की ओर से कुछ प्रक्रियाएं पूरी होनी बाकी हैं. उम्मीद है कि ये सभी अगले चार से छह सप्ताह में पूरी हो जाएंगी और जनवरी के अंत तक आर-कैप हिंदुजा समूह के अधीन आ जाएगी. उन्होंने कहा कि आर-कैप के अधिग्रहण के साथ इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) 2030 तक 50 अरब डॉलर के मूल्यांकन का लक्ष्य बना रही है, जबकि वर्तमान में उसका मूल्यांकन 15 अरब डॉलर (30 सितंबर, 2024 तक) है.
मॉरीशस स्थित आईआईएचएल आर-कैप के समाधान के लिए 9,650 करोड़ रुपये की बोली लगाकर सफल दावेदार के रूप में उभरी. बाद में कंपनी ने आर-कैप के दिवाला समाधान प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए 200 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जो बोली की राशि से अधिक था. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने 27 फरवरी, 2024 को आईआईएचएल की समाधान योजना को मंजूरी दे दी और लेनदेन पूरा करने की समय सीमा 31 जनवरी, 2025 तक बढ़ा दी. इनपुट-भाषा