बैंकों में आपका पैसा होगा अब ज्यादा सुरक्षित, DICGC एक्ट में संशोधन विधेयक लाने की तैयारी में सरकार
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बैंकों में आपका पैसा होगा अब ज्यादा सुरक्षित, DICGC एक्ट में संशोधन विधेयक लाने की तैयारी में सरकार

Bank News: किसी बैंक के डूबने पर जमाकर्ताओं का पैसा अब पहले के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित रहेगा. पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC) जैसी घटनाओं से सबक लेते हुए सरकार डीआईसीजीसी अधिनियम (DICGC Act) में संशोधन विधेयक पेश कर सकती है. इसे मॉनसून सत्र में लाया जा सकता है.

बैंकों में आपका पैसा होगा अब ज्यादा सुरक्षित, DICGC एक्ट में संशोधन विधेयक लाने की तैयारी में सरकार

नई दिल्ली: Bank News: किसी बैंक के डूबने पर जमाकर्ताओं का पैसा अब पहले के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित रहेगा. पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC) जैसी घटनाओं से सबक लेते हुए सरकार डीआईसीजीसी अधिनियम (DICGC Act) में संशोधन विधेयक पेश कर सकती है. इसे मॉनसून सत्र में लाया जा सकता है. इस संशोधन के बाद बैंक के खाताधारकों को बीमा कवर की सीमा के तहत उनका पैसे ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा. 

PMC मामले के बाद उठी मांग 

दरअसल PMC बैंक पर प्रतिबंध के बाद यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक के मामले भी सामने आए, जिसके चलते इन बैंकों का पुनर्गठन करना पड़ा. हालांकि PMC मामला सामने आने के बाद से ही इस बात की मांग उठ रही थी कि डिपॉजिट इंश्योरेंस स्कीम में बीमा की रकम बढ़ाई जाए. इसके बाद सरकार ने पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC Bank) के जमाकर्ताओं के लिए जमा राशि पर बीमा कवर को 5 गुना बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया था.

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मॉनसून सत्र में पेश होगा विधेयक !

त्रों के मुताबिक, विधेयक का मसौदा करीब-करीब तय कर लिया गया है. इससे कैबिनेट की मंजूरी के बाद संसद के अगले मॉनसून सत्र में पेश किया जा सकता है. विधेयक के कानून बनने के बाद उन हजारों जमाकर्ताओं को तत्काल राहत मिलेगी जिनका पैसा PMC जैसे खस्ताहाल बैंकों में फंसा है. DICGC रिजर्व बैंक की पूरी स्वामित्व वाली सब्सिडियरी है. यह बैंक जमा पर बीमा कवर उपलब्ध कराती है. बीते दिनों कुछ बैंकों के हजारों-लाखों कस्टमर के पैसे फंस गए

डिपॉजिट इंश्योरेंस को समझिए

देश में जब कोई बैंक डिफॉल्ट करता है तो उसके ग्राहकों का कुछ पैसा सुरक्षित रहता है और उसे वो वापस मिल जाता है, इसे ही डिपॉजिट इंश्योरेंस कहते हैं. ये एक प्रोटेक्शन कवर है जिसे डीआईसीजीसी मुहैया कराता है. मौजूदा वक्त में बैंक का लाइसेंस रद्द होने और लिक्विडेशन की प्रक्रिया शुरू होने पर 5 लाख रुपए तक का जमा सुरक्षित है, यानी जमाकर्ताओं को 5 लाख रुपये तक की रकम वापस मिल जाती है. 

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