Bank Holiday: कल जरूर निपटा लें जरूरी काम, शुक्रवार के बाद बुधवार को खुलेंगे बैंक
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Bank Holiday: कल जरूर निपटा लें जरूरी काम, शुक्रवार के बाद बुधवार को खुलेंगे बैंक

अगर आपका सरकारी बैंक से जुड़ा कोई काम है तो कल यानी कि 12 मार्च को उसे जरूर पूरा कर लें. अगर आपने अपना काम कल नहीं निपटाया तो फिर आपको 4 दिन का इंतजार करना पड़ जाएगा. महीने का दूसरा शनिवार, फिर रविवार और 2 दिन की हड़ताल से बैंक 4 दिन बंद रहेंगे.

कल के बाद 17 मार्च को खुलेंगे बैंक

दिल्ली: बैंक से जुड़े काम आए दिन लोगों को पड़ते ही रहते हैं. मोबाइल बैंकिंग के दौर में वैसे बैंक जाना काफी कम हो गया है लेकिन फिर भी कुछ काम के लिए ब्रांच जाना ही पड़ता है. अगर आप भी किसी काम को पूरा करने के लिए बैंक जाने का प्लान बना रहे हैं तो इसे कल ही पूरा कर लीजिए. अगर आपने बैंक से जुड़ा काम कल नहीं निपटाया तो आपको लंबा इंतजार करना पड़ जाएगा.


  1. कल जरूर निपटा लें बैंक से जुड़े काम
  2. नहीं तो फिर बुधवार को खुलेंगे बैंक
  3. 2 दिन की छुट्टी, 2 दिन की हड़ताल
 

लगातार 4 दिन बंद रहेंगे बैंक

शुक्रवार यानी कि 12 मार्च के बाद सरकारी बैंक 17 मार्च को खुलेंगे. लगातार चार दिन बैंक बंद रहने से लोगों के काम काफी अटक जाएंगे. इसलिए बैंक से जुड़े काम शुक्रवार को ही निपटाना बेहद जरूरी है. 

 

तारीख बंद की वजह
13 मार्च महीने का दूसरा शनिवार (Second Saturday)
14 मार्च रविवार
15 मार्च बैंक कर्मचारियों की प्रस्तावित हड़ताल
16 मार्च बैंक कर्मचारियों की प्रस्तावित हड़ताल

सरकारी बैंक के कर्मचारियों ने बुलाई है हड़ताल

13 और 14 मार्च को तो देश के सभी बैंक बंद रहेंगे लेकिन 15 और 16 मार्च को केवल सरकारी और ग्रामीण बैंक बंद रहेंगे. कुल 9 बैंक यूनियन के केंद्रीय संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने यह बंद बुलाया है. निजीकरण के विरोध में सरकारी बैंक के कर्मचारियों ने 2 दिन की हड़ताल का ऐलान किया है. बैंक कर्मचारी लगातार सरकार से अपील कर रहे हैं कि किसी भी सरकारी बैंक को निजी हाथों में न सौंपा जाए क्योंकि इससे कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ जाएगी. 

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निजीकरण पर सरकार का पक्ष

सरकार का दावा है कि कुछ सरकारी संस्थानों को चलाए रखने के लिए उनका निजीकरण बेहद जरूरी है. अगर उन संस्थानों का निजीकरण नहीं किया जाएगा तो उनके कर्मचारियों की सैलरी निकालना मुश्किल हो जाएगा. ऐसे में बेहतर है कि उन संस्थानों का निजीकरण कर दिया जाए जिससे कम से कम कर्मचारियों की नौकरी चलती रहे. जिन 4  बैंकों के निजीकरण की बात सामने आ रही है उनमें कुल मिलाकर 1 लाख से ज्यादा कर्मचारी हैं. सरकार का दावा है कि किसी भी कर्मचारी की नौकरी को कोई खतरा नहीं होगा.

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