ज्वैलर्स ने अपनी याचिका में अदालत से कहा था कि उनके लिए 1 जून से पूरी तरह से हॉलमार्किंग लागू करना संभव नहीं है. बताया जा रहा है कि हाई कोर्ट के इस आदेश से करीब 5 लाख ज्वैलर्स को फौरी राहत मिली है.
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मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ( Bombay High Court) से ज्वैलर्स को बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट के ताजा फैसले में अब 14 जून तक हॉलमार्क नियम पालन नहीं करने पर उनके ऊपर कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए हैं. हाई कोर्ट की नागपुर बेंच (Nagpur Bench) ने ये फैसला सुनाया है.
दरअसल ज्वैलर्स ने अपनी याचिका में अदालत से कहा था कि उनके लिए 1 जून से पूरी तरह से हॉलमार्किंग लागू करना संभव नहीं है. बताया जा रहा है कि हाई कोर्ट के इस आदेश से करीब 5 लाख ज्वैलर्स को फौरी राहत मिली है. गौरतलब है कि ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) के प्रावधानों के तहत देश में गोल्ड ज्वैलरी (Gold Jewellery) पर हॉलमार्किंग 1 जून 2021 से अनिवार्य होने जा रही है. नए नियम के लागू होने के बाद ज्वैलर्स बिना हॉलमार्क वाली गोल्ड ज्वैलरी न ही स्टोर कर सकेंगे और न ही बेच सकेंगे.
वहीं हाई कोर्ट में इस मामले को लेकर एक रिट पिटीशन ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डॉमेस्टिक काउंसिल (GJC) ने दायर की थी. आपको बताते चलें कि GJC, ज्वैलर्स के प्रमोशन, प्रोटेक्शन और उन्नति को सुनिश्चित करती है.
GJC के चेयरमैन ने कहा, ' आदेश में कहा गया है कि एक मुश्किल यह भी है कि ज्वैलर्स की संख्या के अनुपात में देश में हॉलमार्किंग सेंटर्स का प्रतिशत, 733 जिलों का लगभग 34% है. देश के 488 जिलों में तो एक भी हॉलमार्किंग सेंटर नहीं है. वहीं देश ज्वैलरी के करोड़ों ऐसे पीस मौजूद हैं, जिनकी हॉलमार्किंग होनी अभी बाकी है.'
अक्षय तृतीया 14 मई को है जबकि पिछले वर्ष अक्षय तृतीया 26 अप्रैल को था और देश भर में कोरोना के कारण लॉकडाउन होने से ज्वैलर्स की बिक्री नहीं हुई थी. इस बार भी कई राज्यों ने लॉकडाउन लगा रखा है ऐसे में इस बार भी बिक्री पर असर पड़ना तय है. हांलाकि कोर्ट के आदेश से ज्वैलर्स के ऊपर मंडरा रहा कानूनी कार्रवाई का खतरा जरूर टल गया है.
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