Covid-19 Wave: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की तरफ से भी कोरोना से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. लेकिन इस सबके बीच सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक मैसेज ने सबको चौंका दिया है.
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Covid-19 PIB Fact Check: कोरोना वायरस की चौथी लहर शुरू हो गई है. चीन समेत कई देशों में स्थिति काफी खराब है. स्वास्थ्य मंत्रायल ने बाहर से आने वाले कुछ देशों के यात्रियों का आरटीपीसीआर (RTPCR) कराने की सलाह दी है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की तरफ से भी कोरोना से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. लेकिन इस सबके बीच सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक मैसेज ने सबको चौंका दिया है. इस मैसेज में यह दावा किया जा रहा है कि कोविड-19 एक सीजनल वायरस है और इससे किसी तरह घबराने की जरूरत नहीं है. आइए जानते हैं क्या है हकीकत?
वायरल मैसेज में क्या है?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज और वीडियो में चौंकाने वाला दावा किया जा रहा है. वायरल मैसेज में कहा गया कि डब्ल्यूएचओ (WHO) ने कोरोना वायरस पर गलती मानते हुए यू-टर्न लिया है. यह एक सीजनल वायरस है और मौसम में बदलाव होने के कारण खांसी, जुकाम और सिर दर्द आदि की समस्या है. इससे घबराने की जरूरत नहीं है.
मैसेज में एक वीडियो लिंक भी दिया गया
वायरल हो रहे मैसेज में यह भी कहा गया कि WHO के अनुसार अब कोरोना रोगी को अलग रहने की जरूरत नहीं है और न ही सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करने की. यह एक व्यक्ति से दूसरे में फैलने वाला रोग नहीं है. इसके साथ ही इस मैसेज में एक वीडियो लिंक भी दिया गया है, इसमें इसे डब्ल्यूएचओ (WHO) की प्रेस कांफ्रेंस बताया जा रहा है. साथ ही इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करने की अपील की गई है.
पीआईबी फैक्ट चेक से सामने आई जानकारी
वायरल हो रहे मैसेज का जब पीआईबी फैक्ट चेक किया तो इसकी हकीकत सामने आ पाई. पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) में पाया गया कि WHO की तरफ ऐसी किसी भी प्रकार की प्रेस कांफ्रेस नहीं की गई. WHO की तरफ से कोरोना से बचाव के लिए दो गज की दूरी और मास्क जरूरी है. इस तरह के मैसेज गलत तरीके से प्रसारित किये जा रहे हैं.
केंद्र की आधिकारिक फैक्ट चेकर 'पीआईबी फैक्ट चेक' (PIB Fact Check) ने लोगों से इस तरह के भ्रामक संदेश को फॉरवर्ड करने के खिलाफ आगाह किया है. PIB Fact Check की तरफ से जारी ट्वीट में बताया गया कि WHO के बिहाव पर किया गया यह दावा पूरी तरह फर्जी है. इस तरह के भ्रामक संदेशों को आगे नहीं बढ़ाएं. इस ट्वीट पीआईबी की तरफ से 31 जनवरी को किया गया है.
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