क्या लद गए मार्केट के अच्छे दिन ! अमेरिका, जापान से डरा भारत का शेयर बाजार, मिनटों में ₹14 लाख करोड़ स्वाहा
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क्या लद गए मार्केट के अच्छे दिन ! अमेरिका, जापान से डरा भारत का शेयर बाजार, मिनटों में ₹14 लाख करोड़ स्वाहा

Share Market Crash Reason:  अमेरिका, जापान समेत ग्लोबल मार्केट से मिले संकेतों से भारतीय शेयर बाजार का मूड बिगड़ा और शुरुआती बाजार में ही सेंसेक्स 2400 अंक लुढ़कर 78,580.46 अंक पर पहुंच गया. स्टॉक मार्केट में आए इस भूचाल के चलते  निवेशकों के 14 लाख करोड़ स्वाहा हो गए. इस तबाही के पीछे के कारण को समझते हैं. 

share market crash

Why Share Market Crash: दो दिन की छुट्टी के बाद जैसे ही बाजार खुला सेंसेक्स, निफ्टी में बड़ी गिरावट दर्ज की गई. प्री ओपनिंग में सेंसेक्स 4100 अंक तक गिर गया, वहीं निफ्टी में 600 अंक कर गिरावट आई. कुछ ही मिनटों में निवेशकों के 10 लाख करोड़ रुपये खास हो गए. कुछ समझ में आता कि सेंसेक्स खुलने के साथ ही 2400 अंक लुढ़क गया. शेयर बाजार ने आज निवेशकों को लहूलुहान कर दिया. मार्केट का कैपिटेलाइजेशन 13.87 लाख करोड़ गिरकर 443. 29 लाख करोड़ पर पहुंच गया.  खबर लिखने वक्त तक सेंसेक्स 2519 अंक तक गिरकर 78,462.57 पर पहुंच गया था. 

शेयर बाजार में मची इस तबाही के पीछे के कारण

शेयर बाजार सेंटीमेंट का बाजार हैं. अमेरिका, जापान समेत ग्लोबल मार्केट से मिले संकेतों से भारतीय शेयर बाजार का मूड बिगड़ा और शुरुआती बाजार में ही सेंसेक्स 2400 अंक लुढ़कर 78,580.46 अंक पर पहुंच गया. स्टॉक मार्केट में आए इस भूचाल के चलते  निवेशकों के 14 लाख करोड़ स्वाहा हो गए. इस तबाही के पीछे के कारण को समझते हैं. 

कारण नंबर 1:  अमेरिका में मंदी की आशंका

दुनिया की ताकतवर अर्थव्यवस्था अमेरिका में मंदी की आहट से बाजार का मूड बिगाड़ दिया. अमेरिका में शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद जारी किए गए आंकड़ों ने मंदी की आशंका पैदा हो गई है. जुलाई में जॉब ग्रोथ में गिरावट, बढ़ती बेरोजगारी ने वहां मंदी की संभावना को बढ़ा दिया. अमेरिका में बेरोजगारी की दर बढ़कर 4.3 फीसदी पहुंच गई जो करीब तीन साल में सबसे ज्यादा है. इस खबर ने वैश्विक स्तर पर निवेशकों की जोखिम उठाने की क्षमता को गंभीर झटका दिया, जिसका असर बाजार पर दिखा.  वहीं ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक गोल्डमैन सैक्स ने अर्थशास्त्रियों ने अमेरिका में मंदी की आशंका को 15 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया. इन संकेतों ने निवेशकों में डर का मौहाल है.  

कारण नंबर 2- मिडिल ईस्ट में टेंशन 

इस बीच मिडिल ईस्ट में तनाव फिर बढ़ गया है. हमास के मुखिया इस्माइल हानिया की मौत के बाद से ईरान और इजरायल के बीच की टेंशन बढ़ गई है. तनाव के बीच अमेरिका ने उस इलाके में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा दी है. जिसके बाद से दुनियाभर के निवेशकों में खलबली मची हुई है. अगर तनाव बढ़ा तो बाजार और और बुरा असर देखने को मिल सकता है. 

कारण नंबर 3-वॉरेन बफे ने बेची ऐपल की हिस्सेदारी

दिग्गज निवेशक वॉरेन बफे की कंपनी बर्कशायर हैथवे ने ऐपल में अपनी 50% की हिस्सेदारी बेच दी है. उन्होंने कई दूसरी कंपनियों में भी अपनी हिस्सेदारी घटा  ली है. उनका फोकस कैश बढ़ाने पर है. इसका भी असर बाजार पर दिखा  
 कारण नंबर 4-जापान का भी असर  

 जापान में येन Carry Trade समाप्त होने के डर से मार्केट में गिरावट देखने को मिल रही है. इसके अलावा IIs ने फिर से बिकवाली का दबाव बढ़ा , कैश, इंडेक्स और स्टॉक फ्यूचर्स में करीब`13,000 करोड़ की बिकवाली हुई है.  भू-राजनीतिक तनावों और ग्लोबल संकेतों का असर बाजार पर दिखने लगा.  

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