वैज्ञानिकों ने एक नया शोध (New Study) पेश किया है. इसमें दावा किया गया है कि ब्लड ग्रुप के जरिए पहले ही पता चल सकता है कि किसे कोरोना वायरस संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है.
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नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. लॉकडाउन (Lockdown) में छूट मिलने के बाद अब लोगों को लगने लगा है कि कोरोना वायरस कभी न कभी हर किसी को हो सकता है. लेकिन इस बीच वैज्ञानिकों ने एक नया शोध (New Study) पेश किया है. इसमें दावा किया गया है कि ब्लड ग्रुप के जरिए पहले ही पता चल सकता है कि किसे कोरोना वायरस संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है.
A ब्लड ग्रुप वालों को है सबसे ज्यादा खतरा
पिछले हफ्ते न्यू इंग्लैंड जरनल ऑफ मेडिसीन में छपे नए शोध में दावा किया गया है कि A ब्लड ग्रुप वालों को कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा संक्रमण का खतरा है. विभिन्न आंकड़ों की जांच से पता चला है कि A ब्लड ग्रुप वाले किसी व्यक्ति पर कोरोना वायरस के हमले की संभावना 45 प्रतिशत ज्यादा है. इसकी तुलना में सबसे कम संभावाना O ब्लड ग्रुप वाले लोगों को है. वैज्ञानिकों के मुताबिक O ब्लड ग्रुप वाले लोगों के संक्रमित होने की संभावना 35 प्रतिशत से भी कम है. इस ब्लड ग्रुप के लोगों में कोरोना वायरस घातक हमला नहीं कर पाता है.
न्यूयॉर्क स्थित लिनक्स अस्पताल में इमरजेंसी मेडिसीन विभाग के प्रमुख डॉ. रॉबर्ट ग्लैटर का कहना है कि खून को नियंत्रित करने वाली जीन इसमें अहम भूमिका निभाते हैं. कोरोना वायरस संक्रमण में ताकतवर और कमजोर जीन की वजह से ही वायरस के घातक हमले का अनुमान लगाया जा सकता है. वैज्ञानिकों ने इटली और स्पेन में कोरोना संक्रमित हुए लगभग 1,600 मरीज और 2,200 सेहतमंद लोगों की जांच के आधार पर नई रिपोर्ट निकाली है.
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक देश में भले एक दिन में 17,296 नए मामले सामने आए हों. लेकिन इस बीच देश में इस वायरस से ठीक होने वालों की संख्या में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक अब देश में ठीक होने वालों की दर बढ़ी है. संक्रमित लोगों में से 58.24 फीसदी लोग अब ठीक होने लगे हैं. ये राहत की बात है क्योंकि हफ्ते भर पहले तक कोरोना वायरस से स्वस्थ होने वालों की दर लगभग 50 फीसदी के आसपास थी.