What is Angel Tax: साल 2012 में मनमोहन सिंह सरकार के दौरान एंजेल टैक्स लागू किया गया था. यह टैक्स सालों से विवादों का विषय रहा है.
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Angel Tax in India: मंगलवार को पेश बजट में स्टार्टअप कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए केंद्र सरकार ने सभी वर्ग के निवेशकों के लिए एंजेल टैक्स समाप्त करने की घोषणा की है. साल 2012 में मनमोहन सिंह सरकार ने इस टैक्स सिस्टम को अमल में लाया था. एंजेल टैक्स एक ऐसा टैक्स था जो स्टार्टअप्स की ओर से जुटाए गए धन पर लगाया जाता था यदि उनका मूल्यांकन बाजार मूल्य से अधिक होता था.
संसद में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में ई-कॉमर्स कंपनियों तथा दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के संदर्भ में कुछ वित्तीय साधनों के लिए कर दरों में विभिन्न बदलावों की भी घोषणा की.
उन्होंने कहा, "सबसे पहले, भारतीय स्टार्टअप इको-सिस्टम को मजबूत करने, उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने और नवाचार का समर्थन करने के लिए मैं सभी वर्गों के निवेशकों के लिए एंजेल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव करती हूं."
साल 2012 में लागू किया गया था एंजेल टैक्स
मनमोहन सिंह की सरकार में साल 2012 में एंजेल टैक्स लागू किया गया था. इस टैक्स को लागू करने का मकसद मनी लॉन्ड्रिंग और काले धन के प्रवाह को रोकना था. यह टैक्स सालों से विवादों का विषय रहा है.
1.17 लाख से ज्यादा स्टार्टअप पंजीकृत
बजट से पहले उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने भी स्टार्टअप पर लगे इस शुल्क को हटाने की सिफारिश की थी. पिछले साल ही सितंबर में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नए एंजेल टैक्स नियमों को अधिसूचित किया था. पहले एंजल कर सिर्फ स्थानीय निवेशकों पर लागू होता था. लेकिन वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में विदेशी निवेश को भी इसमें शामिल कर लिया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के पास 1.17 लाख से ज्यादा स्टार्टअप पंजीकृत हैं. ये सरकार की 'स्टार्टअप इंडिया' पहल के तहत इंसेंटिव पाने के पात्र हैं.