Education Budget 2025: देश के शिक्षा क्षेत्र को इस बार के बजट से कई उम्मीदें हैं. शिक्षा से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को शिक्षा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने और नई योजनाओं की शुरुआत पर जोर देना चाहिए.
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Budget 2025 Expectation: आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश करेंगी. देश के शिक्षा क्षेत्र को इस बार के बजट से कई उम्मीदें हैं. शिक्षा से जुड़े विशेषज्ञों और शेयर होल्डर्स का मानना है कि सरकार को शिक्षा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने और नई योजनाओं की शुरुआत पर जोर देना चाहिए.
2024 में KVS और NVS को बंपर फंडिंग
2024 के आम बजट में शिक्षा क्षेत्र को बड़े पैमाने पर फंड आवंटित किया गया था. स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग को 73,498 करोड़ रुपये दिए गए थे, जो 2023-24 के संशोधित अनुमानों से 12,024 करोड़ रुपये (19.56%) अधिक था.
इसमें केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) और नवोदय विद्यालय समिति (NVS) जैसे स्वायत्त संस्थानों के लिए भी अब तक का सबसे अधिक फंड आवंटित किया गया था. KVS को 9,302 करोड़ रुपये और NVS को 5,800 करोड़ रुपये मिले थे.
पिछले बजट में छात्रों के लिए कई योजनाओं की घोषणा भी की गई थी. इनमें स्कॉलरशिप और वित्तीय सहायता के साथ-साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने की योजनाएं शामिल थीं.
क्या है एक्सपर्ट की राय?
हालांकि, शिक्षा क्षेत्र में अभी भी कई चुनौतियां बनी हुई हैं. EduVib के संस्थापक और सीईओ वसीम जावेद का कहना है कि 2024 में 13.35 लाख भारतीय छात्र विदेशों में पढ़ाई कर रहे थे. ऐसे में भारत को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा के लिए एक सहायक और सुव्यवस्थित इकोसिस्टम तैयार करने की जरूरत है.
बजट 2025 से क्या हैं उम्मीदें?
Career Launcher की अध्यक्ष सुजाता क्षीरसागर का कहना है कि इस बार के बजट में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) अनुसंधान और नवाचार के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाने की आवश्यकता है. साथ ही विदेशी छात्रों को भारत में आकर्षित करने के लिए सब्सिडी योजनाएं लाई जानी चाहिए.
वसीम जावेद का कहना है कि प्रक्रियाओं को सरल बनाना और वित्तीय सहायता को अधिक सुलभ बनाना, छात्रों और उनके परिवारों के लिए फायदेमंद साबित होगा. इससे भारतीय प्रतिभा को वैश्विक स्तर पर उभरने का अवसर मिलेगा.
भारत को FAFSA जैसे स्कीम की जरूरत
eduVelocity के संस्थापक विनु वारियर का कहना है कि पिछले बजट में घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के लोन की सुविधा दी गई थी. हालांकि, भारत को FAFSA (Free Application for Federal Student Aid) जैसे वित्तीय ढांचे की जरूरत है. इसमें बैंकों और बीमा कंपनियों के माध्यम से ग्रांट, वर्क-स्टडी प्रोग्राम जैसी योजनाएं शामिल होनी चाहिए.
शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि यह समय भारत को वैश्विक शिक्षा के रूप में स्थापित करने का है. इसके लिए बजट 2025 में शिक्षा पर खर्च को बढ़ाना, STEM अनुसंधान और नवाचार को प्राथमिकता देना और छात्रों के लिए आर्थिक सहायता के नए रास्ते खोलना बेहद जरूरी है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार शिक्षा क्षेत्र की इन उम्मीदों पर कितना खरा उतरती है.