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Byju Crisis: एडुटेक कंपनी बायजू की स्थिति दिन पर दिन बदतर होती जा रही है. कर्ज के जंजाल में फंसी कंपनी अपना कारोबार समेट रही है. देशभर में बायजू के ऑफिस बंद कर दिए गए. कोचिंग सेंटर्स की संख्या कम हो रही है. हालात ऐसी ही कि कंपनी अपने कर्मचारियों को सैलरी तक नहीं दे पा रही है. स्थिति ऐसी है कि अब बकाया सैलरी देने के लिए कंपनी के फाउंडर और सीईओ को लोन लेना पड़ रहा है.
बायजू का संचालन करने वाली कंपनी थिंक एंड लर्न ने अपने कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे पा रही है. कंपनी ने मार्च महीने के आंशिक वेतन का भुगतान किया है. आर्थिक संकट से गुजर रही कंपनी थिंक एंड लर्न के फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन ने कर्मचारियों के मार्च के वेतन का भुगतान करने के लिए अपनी व्यक्तिगत क्षमता में कर्ज उठाया है.
सूत्रों की माने तो कर्मचारियों को आंशिक वेतन देने के लिए कंपनी को 25-30 करोड़ रुपये की जरूरत है. कर्मचारियों के खाते में शनिवार 20 अप्रैल को वेतन जमा किया गया. एक सूत्र के मुताबिक इस महीने वेतन का भुगतान करने के लिए रवींद्नन ने पर्सनल लेवल पर लोन जुटाया. इसकी वजह यह है कि राइट इश्यू का पैसा अब भी विदेशी निवेशकों ने रोक रखा है.
कंपनी ने शिक्षकों और सबसे कम वेतन वाले कर्मचारियों को 100 प्रतिशत भुगतान किया गया है. गौरतलब है कि बायजू पिछले साल से ही लगातार आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है. इस दौरान उसके कई निवेशक भी अलग हो गए हैं और कंपनी की तरफ से जारी राइट इश्यू भी सवालों के घेरे में आ गया.