BCCI: BYJU's कभी देश का सबसे बड़ा स्टार्टअप था, जिसकी कीमत 22 अरब डॉलर थी. लेकिन पिछले कुछ महीनों में कंपनी को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा है, इन परेशानियों में कर्मचारियों की छंटनी, कंपनी की कीमत में गिरावट और निवेशकों के साथ कानूनी लड़ाई शामिल है.
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Byju Crisis: बायजू का संकट लंबा खिंचता जा रहा है. एडटेक कंपनी की परेशानियां कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. पिछले कुछ महीने में बायजू को एक के बाद एक कई झटके लगे हैं. पिछले दिनों बायजू (Byju's) को क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई (BCCI) को 158.9 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करने पर दिवाला कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा. अब परेशानी में फंसी बायजू ने एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) का रुख किया है. बायजू की तरफ से इस पूरे मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की गई है.
22 अरब डॉलर थी स्टार्टअप की वैल्यू
अगर BYJU's के खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही शुरू होती है तो हजारों कर्मचारियों को कंपनी छोड़नी पड़ सकती है और उनकी सभी सर्विस बंद हो सकती हैं. यह बात कंपनी के CEO बायजू रविंद्रन ने कही. BYJU's कभी देश का सबसे बड़ा स्टार्टअप था, जिसकी कीमत 22 अरब डॉलर थी. लेकिन पिछले कुछ महीनों में कंपनी को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा है, इन परेशानियों में कर्मचारियों की छंटनी, कंपनी की कीमत में गिरावट और निवेशकों के साथ कानूनी लड़ाई शामिल है. निवेशकों का आरोप है कि कंपनी के CEO बायजू रविंद्रन (Byju Raveendran) ने गलत तरीके से कंपनी का संचालन किया.
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BCCI ने बकाया को लेकर शिकायत दर्ज कराई
इस समय कंपनी को सबसे बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. BCCI ने 19 मिलियन डॉलर के बकाया पेमेंट को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. इसके बाद NCLT की तरफ से दिवालियापन की कार्यवाही शुरू कर दी गई. Byju Raveendran ने अदालत में अपील करते हुए दिवालियापन की कार्यवाही को रद्द करने की मांग की है. उनका कहना है कि दिवालियापन की प्रक्रिया BYJU's को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म चलाने के लिए अहम सर्विस देने वाले सर्विस प्रोवाइडर को भुगतान में चूक करने के लिए मजबूर कर सकती है. इससे सर्विस पूरी तरह बंद हो सकती हैं और पूरा काम रुक सकता है.
BYJU कंपनी 21 से ज्यादा देशों में काम करती है. कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन कोर्स देकर यह कंपनी काफी लोकप्रिय हुआ था. कंपनी के CEO बायजू रविंद्रन ने अदालत में दाखिल दस्तावेजों में यह भी कहा है कि अगर दिवालियापन की कार्यवाही आगे बढ़ती है तो कंपनी के कर्मचारियों को बहुत परेशानी होगी और उन्हें शायद कंपनी छोड़नी पड़े. उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी भारतीय क्रिकेट बोर्ड को बकाया रकम 90 दिन के अंदर चुकाने के लिए तैयार है. गौरतलब है कि BYJU's में करीब 27,000 कर्मचारी हैं, जिनमें से 16,000 टीचर हैं.