डीएचएफएल (DHFL) के प्रमोटरों कपिल वधावन (Kapil Wadhawan) और धीरज वधावन (Dheeraj Wadhawan ) तथा कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है. इन लोगों ने बांद्रा में डीएचएफएल (DHFL) की फर्जी शाखा बनाने के साथ 14,046 करोड़ रुपये के होम लोन एकाउंट बनाए थे.
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नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने डीएचएफएल (DHFL) और उसके निदेशकों पर कथित रूप से 2.60 लाख जाली आवास ऋण खाते खोलने के लिए धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इनमें से कुछ खाते प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत ब्याज सब्सिडी लेने के लिए बनाए गए थे. घोटाले में फंसी डीएचएफएल के मौजूदा बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर्स द्वारा नियुक्त ऑडिटर ग्रांट थॉर्नटन की रिपोर्ट में इन वित्तीय गड़बड़ियों का खुलासा किया गया है.
डीएचएफएल के प्रर्वतकों कपिल और धीरज वधावन तथा कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. इन लोगों ने कथित रूप से बांद्रा में डीएचएफएल की फर्जी शाखा बनाई और 14,046 करोड़ रुपये के आवास ऋण खाते बनाए. इन ग्राहकों ने अपना आवास ऋण पहले ही चुका दिया था. इन खातों को डाटाबेस में डाला गया था.
इस केस में दर्ज FIR में कहा गया है कि 2007 से 2019 के दौरान 14,046 करोड़ रुपये के 2.60 लाख फर्जी होम लोन अकाउंट बनाए गए. ये खाते ऐसी शाखा में खोले गए, जो थी ही नहीं. इनमें से 11,755.79 करोड़ रुपये कई फर्जी कंपनियों में स्थानांरित या जमा कराए गए.
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इनमें से कई बोगस खाते कथित रूप से पीएमएवाई (PMAY) में राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) से ब्याज सब्सिडी का दावा करने के लिए खोले गए.
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