Cheque Bounce Cases: चेक बाउंस के लगातार बढ़ते मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है. शीर्ष अदालत की तरफ से पांच राज्यों में इसके लिए स्पेशल कोर्ट गठित करने का आदेश दिया गया है. ये अदालतें 1 सितंबर 2022 के बाद शुरू की जाएंगी.
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Cheque Bounce Cases: चेक बाउंस होने पर अदालत की तरफ से पहले ही काफी सख्त नियम हैं. अब अगर आपका या आपके किसी रिश्तेदार / दोस्त का चेक बाउंस होता है तो खैर नहीं. अब सुप्रीम कोर्ट ने चेक बाउंस (Cheque Bounce) के मामलों के तुरंत निपटारे के लिए एक सितंबर से पांच राज्यों में रिटायर्ड न्यायाधीश के साथ विशेष अदालतों के गठन का निर्देश दिया.
न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट ने कहा कि महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बड़ी संख्या में लंबित मामलों को देखते हुए 'नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट' के तहत विशेष अदालतें (Special Court) गठित की जाएगी.
पीठ ने यह भी कहा, 'हमने पायलट अदालतों (Pilot Court) के गठन के संबंध में न्याय मित्र के सुझावों को शामिल किया है. इसके लिए हमने समयसीमा भी दी है. यह 1 सितंबर 2022 के बाद से शुरू होनी है.' पीठ ने कहा कि अदालत के महासचिव यह तय करेंगे कि मौजूदा आदेश की प्रति सीधा इन 5 उच्च न्यायालयों के महापंजीयक को मिले, जो उसे तत्काल कार्रवाई के लिए मुख्य न्यायाधीशों के समक्ष पेश कर सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने महासचिव को इस आदेश के बारे में इन राज्यों के उच्च न्यायालयों के महापंजीयक को सूचित करने का निर्देश दिया. साथ ही उन्हें इस आदेश के पालन करने पर 21 जुलाई 2022 तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. गौरतलब है कि न्याय मित्र ने सुझाव दिया कि एक पायलट परियोजना के तौर पर हर जिले में रिटायर्ड जज वाली एक अदालत होनी चाहिए.
अब इस मामले पर सुनवाई 28 जुलाई को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों चेक बाउंस मामलों के भारी संख्या में लंबित रहने पर संज्ञान लेते हुए ऐसे मामलों के तत्काल निस्तारण का निर्देश दिया था. 31 दिसंबर 2019 तक ऐसे मामले 35.16 लाख थे.
(इनपुट : भाषा)