Citibank भारत में समेटेगी अपना रीटेल बैंकिंग कारोबार, जानिए कर्मचारियों और खाताधारकों का क्या होगा?
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Citibank भारत में समेटेगी अपना रीटेल बैंकिंग कारोबार, जानिए कर्मचारियों और खाताधारकों का क्या होगा?

Citibank India Exit: दुनिया की दिग्गज बैंकिंग कंपनियों में शुमार Citibank अब भारत में अपना कारोबार समेटने की तैयारी में है. अमेरिका के बैंक Citibank ने गुरुवार को भारत में कंज्यूमर बैंकिंग (Consumer Banking) बिजनेस से बाहर निकलने का ऐलान किया है.

Citibank के बैंकिंग कारोबार में करीब 4,000 कर्मचारी

नई दिल्ली: Citibank India Exit: दुनिया की दिग्गज बैंकिंग कंपनियों में शुमार Citibank अब भारत में अपना कारोबार समेटने की तैयारी में है. अमेरिका के बैंक Citibank ने गुरुवार को भारत में कंज्यूमर बैंकिंग (Consumer Banking) बिजनेस से बाहर निकलने का ऐलान किया है. आखिर ये फैसला बैंक ने क्यों लिया और इसके बाद खाताधारकों और कर्मचारियों पर क्या असर होगा, समझिए

अब सिर्फ संपन्न देशों पर ही फोकस

सिटिबैंक के रीटेल बिजनेस में क्रेडिट कार्ड, सेविंग बैंक अकाउंट और पर्सनल लोन जैसे सेगमेंट शामिल हैं. भारत में रीटेल बैंकिंग से बाहर निकलने के फैसले पर Citibank ने कहा कि ये उसकी वैश्विक रणनीति का हिस्सा है. सिटी बैंक ने ग्लोबल लेवल पर यह फैसला किया है कि वह 13 मार्केट में अपने कारोबार से बाहर निकल जाएगी. Citibank अब सिर्फ कुछ संपन्न देशों पर ही फोकस करेगी. 

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बैंकिंग कारोबार में करीब 4,000 कर्मचारी

बैंक के कंज्यूमर बैंकिंग बिजनेस में क्रेडिट कार्ड्स, रिटेल बैंकिंग, होम लोन और वेल्थ मैनेजमेंट शामिल है. सिटीबैंक की देश में 35 शाखाएं हैं और उसके कंज्यूमर बैंकिंग बिजनेस में करीब 4,000 लोग काम करते हैं. Citibank के ग्लोबल CEO जेन फ्रेजर ( Jane Fraser ) ने कहा कि इन क्षेत्रों में कंपटीशन का माहौल नहीं है, इसी के चलते बैंक ने ये फैसला किया है. सिटीबैंक के रीटेल बिजनेस से बाहर निकलने के लिए रेगुलेटरी मंजूरियों की जरूरत होगी. 

हमारे ऑपरेशंस में कोई बदलाव नहीं आया

सिटी इंडिया के CEO आशु खुल्लर ने कहा कि हमारे ऑपरेशंस में तत्काल कोई बदलाव नहीं आया है और इस घोषणा से हमारे साथियों पर तत्काल कोई असर भी नहीं होगा. हम अपने ग्राहकों की सेवा में कोई कमी नहीं रखेंगे. उन्होंने कहा कि इस घोषणा से बैंक की सेवाएं और मजबूत होंगी. संस्थागत बैंकिंग कारोबार के अलावा, सिटी अपने मुंबई, पुणे, बेंगलुरू, चेन्नई और गुरुग्राम केंद्रों से ग्लोबल कारोबार पर ध्यान देता रहेगा. सिटीबैंक ने 1902 में भारत में कदम रखा था और 1985 में बैंक ने कंज्यूमर बैंकिंग बिजनस शुरू किया था. 

पार्टनर की तलाश

सिटीबैंक (Citibank) अपनी नई बिजनेस स्ट्रैटजी के तहत भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, बहरीन, चीन, साउथ कोरिया, मलेशिया, फिलीपींस, पोलैंड, रूस, ताइवान, थाईलैंड और वियतनाम में रिटेल बैंकिंग बिजनेस से बाहर हो जाएगा. लेकिन उसका होलसेल बिजनेस जारी रहेगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुताबिक सिटीबैंक भारत में अपने रिटेल और कंज्यूमर बिजनेस को बेचने के लिए खरीदार की भी तलाश कर रहा है.

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