कांग्रेस सांसद ने कहा, 'संभव है कि इस टैक्स (Tax) के लागू होने के कारण विदेशी कंपनियां अपने कारोबार के आंकड़ें साझा न करें. प्रस्तावित कर की दर भारतीय कारोबारियों की इंकम पर लगने वाले टैक्स से कम है. इससे भारत में Technology Startups के कारोबार पर असर पड़ सकता है.
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नई दिल्ली: कांग्रेस सदस्य नीरज डांगी ने बुधवार को राज्य सभा में 'गूगल टैक्स' (Google Tax) का मुद्दा उठाया और विदेशी विदेशी इंटरनेट कंपनियों पर प्रस्तावित कर की कम दर होने पर चिंता जतायी. डांगी ने वित्त विधेयक, 2021 (Finance bill 2021) पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि संभव है कि विदेशी इंटरनेट कंपनियां (Foreign Internet Companies) प्रस्तावित टैक्स की वजह से भारतीय इकाइयों (Indian Units) से अपनी आय का खुलासा नहीं करें.
उन्होंने कहा कि इस वजह से भविष्य में तीन समस्याएं पैदा हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि संभव है कि इस टैक्स के लागू होने के कारण विदेशी कंपनियां अपने कारोबार के आंकड़ों को साझा नहीं करें. इसके अलावा प्रस्तावित कर की दर भारतीय कारोबारियों की की आय पर लगने वाले कर से कम है. उन्होंने कहा कि इससे भारत में प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप (Indian Technology Startups) के कारोबार पर भी बुरा असर पड़ सकता है.
राज्यसभा ने बुधवार को वित्त विधेयक 2021-22 को चर्चा के बाद लोकसभा को लौटा दिया और इसी के साथ संसद से आम बजट को मंजूरी मिलने की प्रक्रिया पूरी हो गयी. लोकसभा ने वित्त विधेयक को मंगलवार को ही मंजूरी दे दी थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने उच्च सदन में वित्त विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सीमा शुल्क ढांचे को तर्कसंगत बनाया जायेगा ताकि घरेलू कारोबारियों को, खासतौर से एमएसएमई (MSME) श्रेणी के उद्यमों को सुविधा मिल सके. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही टैक्स बेस को भी व्यापक बनाया जाएगा.
क्या है गूगल टैक्स?
कई टेक्नोलॉजी कंपनियां अपने विज्ञापन सिर्फ ऑनलाइन ही देती हैं. इस 'गूगल टैक्स' से अब इन कंपनियों को सरकार टैक्स के दायरे में लाने की कोशिश कर रही है. गूगल जैसी कंपनी हर सर्च और ऑनलाइन विज्ञापन पर पैसा बनाती है. सरकार की कोशिश है कि कंपनियों को इंटरनेट पर विज्ञापनों से होने वाले फायदे पर वो टैक्स लगाए.
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