साइकल की डिमांड इतनी बढ़ गई है कि अब साइकिल की दुकानों पर तेजी से स्टॉक खत्म हो रहा है.
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नई दिल्ली: भारत मे अनलॉक के चलते एक तरफ जिंदगी पटरी पर आ रही है तो दूसरी तरफ साइकिल की डिमांड बढ़ रही है. कोरोना के डर से लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल से बच रहे हैं, जिससे साइकिल की डिमांड काफी बढ़ गई है. शहरी विकास मंत्रलय ने भी 'साइकिल फॉर चेंज' मुहिम शुरुआत कर दी है. जिसके चलते शहरों में साइकिलिंग के लिए खास ट्रैक बनाए जाएंगे.
देश धीरे-धीरे अनलॉक की तरफ बढ़ रहा है लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट अभी भी पूरी तरह से नहीं खोले गए हैं. कोरोना के चलते हमारे जीवन मे कई बड़े बदलाव आए हैं और उन्हीं में से एक बदलाव ये है कि शहरों की सड़कों पर साइकिलें वापस लौट आई हैं. कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट न खुलने की वजह से साइकिल चला रहा है तो कोई इसे जिम का विकल्प मान रहा है और इस सब से ऊपर है कोरोना का डर.
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साइकिल चलाकर ऑफिस जा रहे शख्स ने बताया कि पहले हम बस से ही जाते थे लेकिन लॉकडाउन के बाद अब साइकिल खरीद ली है. ऑफिस वाले भी कहते हैं साइकिल या बाइक से आओ. बस में सफर करना अब सेफ नहीं है.
साइकल की डिमांड इतनी बढ़ गई है कि अब साइकिल की दुकानों पर तेजी से स्टॉक खत्म हो रहा है.
साइकिल व्यापारी गिरीश गोयल का कहना है कि उनकी दुकान में अब जो स्टॉक बचा है ये वो साइकिल हैं जो अब कोई खरीदना नहीं चाहता. बाकी सारी बिक चुकी हैं. उन्होंने कहा कि हमने सोचा नहीं था कि कोरोना टाइम में साइकिल की डिमांड बढ़ जाएगी.
साइकिल को जैसे लोग अपना रहे हैं वैसे ही सरकार की तरफ से भी साइकिल के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है. शहरी विकास मंत्रालय के अंतर्गत भारत सरकार ने 'साइकिल फॉर चेंज' की मुहिम शुरू कर दी है जिसके तहत दिल्ली समेत सभी स्मार्ट सिटीज में पॉपअप साइकलिंग ट्रैक बनाए जाएंगे. इससे देश में करीब 25 करोड़ लोगों को फायदा हो सकता है. इतना ही नहीं इससे भारत की अर्थव्यवस्था को 1.6 ट्रिलियन रुपए का फायदा मिल सकता है.
अर्थशास्त्री शरद कोहली की मानें तो इस मुहिम के चलते लोगों को बड़े स्तर पर रोजगार मिलेगा. फ्यूल कम खर्च होगा. हर साल सिर्फ ट्रैफिक जाम में लगभग 60000 करोड़ का फ्यूल खर्च होता है वो बचेगा. साइकिल चलाने से लोग स्वस्थ रहेंगे तो प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी.