नई दिल्ली: Health Insurance: हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम नहीं बढ़ेगा. पहले खबरें थी कि बीमा कंपनियां (Insurance Companies) हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम बढ़ा सकती हैं, लेकिन अब इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने बीमाधारकों के हितों की रक्षा के लिए बीमा कंपनियों के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए हैं. 


'प्रीमियम बढ़ाने के लिए मौजूदा हेल्थ पॉलिसी में बदलाव नहीं करें'


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इंश्योरेंस रेगुलेटर भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने हेल्थ इंश्योरेंस देने वाली कंपनियों को साफ-साफ निर्देश दिया है कि प्रीमियम बढ़ाने के लिए मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाए. IRDAI का निर्देस पर्सनल एक्सीडेंट और ट्रैवल बीमा कवर पर भी लागू होगा. IRDAI के इस निर्देश के बाद अप्रैल से हेल्थ पॉलिसी का प्रीमियम बढ़ने से बीमाधारकों को राहत मिल जाएगी.


ये भी पढ़ें- बेटे ने जब नहीं सुनी बात, पिता ने किया चॉकलेट कंपनी Cadbury पर केस, कहा- 5 लाख हर्जाना दो 


छोटे-मोटे बदलाव कर सकती हैं कंपनियां: IRDAI 


Insurance Regulatory and Development Authority of India (IRDAI) की ओर से जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि जनरल और स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां मौजूदा पॉलिसी के बेनेफिट्स (Policy Benefits) में कोई बदलाव नहीं कर सकती हैं और न ही नए बेनेफिट्स जोड़ सकती हैं, जिससे पॉलिसी का प्रीमियम बढ़े. IRDAI ने कहा है कि स्‍वास्‍थ्‍य बीमा कंपनियां (Health Insurers) मौजूदा योजनाओं में छोटे-मोट बदलाव तो कर सकती हैं, लेकिन ये बदलाव पिछले साल जुलाई में जारी 'कंसॉलिडेटेड गाइडलाइंस ऑन प्रोडक्ट फाइलिंग इन हेल्थ इंश्योरेंस बिजनेस' के मुताबिक होने चाहिए.


ऐड-ऑन कवर्स या ऑप्शनल कवर्स दे सकते हैं: IRDAI 


IRDAI का कहना है कि मौजूदा स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजनाओं में नए बेनेफिट्स/अपग्रेडेशन को ऐड-ऑन कवर्स या ऑप्शनल कवर्स के रूप में पेश किया जा सकता है, जिसका प्रीमियम अलग से हो, इसकी पूरी जानकारी और पसंद बीमाधारक को होगी. इसके अलावा IRDAI ने नियुक्त एक्चुरीज को वित्त वर्ष के आखिर में हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट की वित्‍तीय व्‍यावहारिकता (Financial Viability) की समीक्षा करने को कहा है. जिसकी रिपोर्ट बीमा कंपनी के बोर्ड को दी जाएगी. 


सभी बीमाधारकों को होगा फायदा 


स्‍वास्‍थ्‍य बीमा से जुड़ी ये स्टेटस रिपोर्ट हर वित्त वर्ष में 30 सितंबर तक बोर्ड के सुझाव और सुधार के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी के साथ अथॉरिटी को सौंपनी होगी. वित्त वर्ष 2020-21 की स्टेटस रिपोर्ट 20 सितंबर 2021 तक सौंपी जाएगी. आपको बता दें कि IRDAI की ओर से जारी निर्देशों का फायदा नए और पुराने दोनों ही बीमाधारकों को होगा


आसान भाषा में पॉलिसी: IRDAI 


इसके अलावा IRDAI ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि पॉलिसी की भाषा आसान रखी जाए ताकि बीमाधारकों को समझ में आए. इस साल 1 अक्टूबर से सभी बीमा कंपनियों को साफ शीर्षक के साथ पॉलिसी कॉन्ट्रैक्ट के लिए एक स्टैंडर्ड पॉलिसी का पालन करने का निर्देश दिया गया है. जिसमें पॉलिसी शेड्यूल, प्रस्तावना, परिभाषा, फायदे, एक्सक्लूजंस, आम शर्तें और प्रावधान को शामिल किया जाएगा.


ये भी पढ़ें- EPFO Update: नौकरी बदलते ही न निकालें फंड, तीन साल तक मिलता रहेगा ब्याज